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Kolkata: BSE के चीफ ने की PM मोदी को नोबल पुरस्कार देने की वकालत, कहा- मुफ्त राशन योजना ने बचाई जानें

Kolkata: आशीष ने कहा कि कोरोना काल में डॉक्टरों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और नेताओं ने मिलकर काम किया। हम आम तौर पर नेताओं के खिलाफ गुस्सा निकालते हैं, लेकिन कोरोना के दौर में नेताओं ने राजनीति भूलकर साथ दिया और सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे।

कोलकाता। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज BSE के चीफ आशीष चौहान ने पीएम नरेंद्र मोदी को नोबल पुरस्कार देने की वकालत की है। आशीष ने शुक्रवार को यहां कहा कि मोदी ने दुनिया के सबसे बड़े मुफ्त अनाज कार्यक्रम को कोरोना काल में चलाया और नोबल पुरस्कार देने वाली कमेटी को इस पर गौर जरूर करना चाहिए। उन्होंने आईआईएम कोलकाता के डिग्री देने के कार्यक्रम में कहा कि साल 2020 में नोबल शांति पुरस्कार संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम WFP को दिया था। जिसने सिर्फ 11.5 करोड़ लोगों तक भोजन पहुंचाया था। जबकि, मोदी ने इससे 14 गुना अधिक यानी 80 करोड़ लोगों को महामारी के दौरान मुफ्त राशन मुहैया कराया।

Ashishkumar Chauhan.

अगर WFP की बात करें, तो संयुक्त राष्ट्र UN की वेबसाइट के मुताबिक 9.7 करोड़ लोगों की मदद करने की वजह से संगठन को 2020 में नोबल शांति पुरस्कार मिला था। ये काम संगठन ने 88 देशों में किया था। इन देशों में काफी संख्या में लोग भुखमरी के शिकार थे। आशीष चौहान ने कहा कि हमने कोरोना के दौर में प्रति व्यक्ति आय काफी कम होने के बाद भी लोगों को भूख से मरने नहीं दिया। आशीष ने कहा कि देश को ऐसी स्थिति पर गर्व महसूस होता है। बता दें कि कोरोना काल में लगातार 2 साल तक मोदी सरकार ने 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन दिया। ये तादाद कई देशों की जनसंख्या से भी ज्यादा है। आशीष ने कहा कि नोबल समिति मोदी के इस मुफ्त राशन योजना को देखती है या नहीं, इस पर सबकी नजर है।

PM modi pic

आशीष ने कहा कि कोरोना काल में डॉक्टरों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और नेताओं ने मिलकर काम किया। हम आम तौर पर नेताओं के खिलाफ गुस्सा निकालते हैं, लेकिन कोरोना के दौर में नेताओं ने राजनीति भूलकर साथ दिया और सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे।