newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

यूपी में खिसकते जनाधार के बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने इन्हें बनाया प्रदेश अध्यक्ष

Mayawati: उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) में अभी हाल ही सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए हैं, लेकिन बसपा को इसमें एक भी सीट नसीब नहीं हो सकी। उपचुनाव में भाजपा(BJP) ने 6 और सपा(SP) ने 1 सीट पर कब्जा जमाया।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी पिछले कुछ चुनावों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रही है। ऐसे में अब वो अपने बेस वोटर्स का विश्वास भी खोती जा रही है। बात तीन वर्ष पहले हुए यूपी विधानसभा के आम चुनाव की करें तो बसपा को जितने वोट मिले, पार्टी उसे भी अब ज्यादातर सीटों पर संजोकर नहीं रख सकी है। अब बसपा के सामने जनाधार को बरकार रखने की चुनौती मुंह बाए खड़ी है। गौरतलब है कि खुद के ही बेस वोटों को खिसकते देख उत्तर प्रदेश में बसपा सुप्रीमो मायावती ने बड़ा कदम उठाते हुए राजभर समाज के भीम राजभर को मुनकाद अली की जगह यूपी बसपा प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। इसकी जानकारी देते हुए मायावती ने रविवार को एक ट्वीट में कहा कि, “यूपी में अति-पिछड़े वर्ग (ओबीसी) में राजभर समाज के पार्टी व मूवमेन्ट से जुड़े पुराने, कर्मठ एवं अनुशासित सिपाही श्री भीम राजभर, निवासी ज़िला मऊ (आज़मगढ़ मण्डल) को बी.एस.पी. उत्तर प्रदेश स्टेट यूनिट का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इनको हार्दिक बधाई व शुभकामनायें।”

Mayawati up

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी की तस्वीर बदलती नहीं दिख रही है। कहने को तो उपचुनाव में बसपा के पास खोने के लिए कुछ नहीं था, लेकिन पाने की उसकी हर एक कोशिश बेकार ही होती दिखी। जिस तरह से पार्टी की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है, उसको देखते हुए दलित वोटों के खिसकने के साथ ही मुस्लिम मतों की भी उसके प्रति बेरुखी को वजह माना जा रहा है।

BSP Chief Mayawati

दरअसल, उत्तर प्रदेश में अभी हाल ही सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए हैं, लेकिन बसपा को इसमें एक भी सीट नसीब नहीं हो सकी। उपचुनाव में भाजपा ने 6 और सपा ने 1 सीट पर कब्जा जमाया। वैसे तो बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी संगठन के बड़े नेताओं से लेकर निचले स्तर तक के पदाधिकारियों को एक-एक सीट की जिम्मेदारी सौंपी थी, लेकिन नतीजों ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।

खास बात यह भी है पार्टी अपने वोट बैंक को भी बरकरार नहीं रख सकी है। विधानसभा के आम चुनाव में पार्टी की इन सात सीटों पर 23.62 फीसद वोटों की हिस्सेदारी थी। उपचुनाव में साढ़े चार फीसद से अधिक वोटों की हिस्सेदारी घटकर 18.97 फीसद ही रह गई है। नौगावां सादात सीट को छोड़ शेष छह सीट पर पार्टी के वोटों की हिस्सेदारी कम ही हुई है।