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Big Decision Today: भ्रष्टाचारियों की गिरफ्तारी और संपत्ति जब्त कर सकता है ED? आज फैसला देगा सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे और सांसद कार्ति चिदंबरम और महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख समेत तमाम लोगों ने गिरफ्तारी और जब्ती के खिलाफ 242 अर्जियां लगाई थीं। उन्होंने इसे मौलिक अधिकारों का हनन करार दिया था।

नई दिल्ली। क्या भ्रष्टाचारियों को गिरफ्तार करने और उनकी संपत्ति जब्त करने का हक प्रवर्तन निदेशालय ED को है? इसका फैसला आज सुप्रीम कोर्ट करेगा। सुप्रीम कोर्ट में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे और सांसद कार्ति चिदंबरम और महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख समेत तमाम लोगों ने गिरफ्तारी और जब्ती के खिलाफ 242 अर्जियां लगाई थीं। जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार की विशेष बेंच ने इसपर सुनवाई की। अर्जियों में धन शोधन एक्ट PMLA के तमाम प्रावधानों को चुनौती दी गई थी। मोदी सरकार ने इस एक्ट में ये सारे प्रावधान किए थे। अर्जियों में तलाशी, गिरफ्तारी, जब्ती, जांच और कुर्की के ईडी के अधिकारों को चुनौती देते हुए इन्हें मौलिक अधिकारों का हनन बताया गया है।

enforcement directorate

इस मामले में अर्जियां दाखिल करने वालों की तरफ से कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी समेत कई वकीलों ने कोर्ट में अपनी दलीलें दी थीं। अपनी दलीलों में उन्होंने जमानत की कड़ी शर्तों, गिरफ्तारी के आधार की जानकारी न देना, एफआईआर के समान दर्ज होने वाली ईसीआईआर ECIR कॉपी न देने, अपराध की आय, मनी लॉन्ड्रिंग की परिभाषा, आरोपी के बयान वगैरा का मुद्दा उठाया था। वहीं, केंद्र सरकार ने कोर्ट में कानून के प्रावधानों का बचाव किया था। सुप्रीम कोर्ट को केंद्र सरकार ने बताया था कि इसी कानून की वजह से बैंकों को चपत लगाकर विदेश फरार होने वाले विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के 18000 करोड़ रुपए बैंक वसूल सके थे।

currency seized from arpita mukherjee

बता दें कि धन शोधन यानी मनी लॉन्ड्रिंग के करीब 67000 करोड़ रुपए के मामले सुप्रीम कोर्ट में अभी चल रहे हैं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि अभी 4700 केस की जांच चल रही है। उन्होंने बताया था कि हर साल ऐसे केस की संख्या भी बढ़ रही है। साल 2015-16 में पीएमएलए के 111 केस थे। अब इन केस की संख्या 981 हो चुकी है। फिर भी अमेरिका, ब्रिटेन समेत अन्य देशों में ऐसे मामलों की तुलना में भारत में केस कम हैं। उन्होंने ये भी बताया था कि कानून के तहत बीते 17 साल में 98368 करोड़ की अपराध से हुई कमाई का पता चला और इन्हें जब्त किया गया। इस कानून से आतंकियों पर भी चोट पड़ने की बात सॉलिसिटर जनरल ने कही थी।