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Castism in Politics: सिर्फ दलित ही हैं मायावती की पसंद, यूपी चुनाव के लिए ब्राह्मणों की कर रहीं बात

Castism in Politics of BSP: मायावती ने बयान में कहा, ‘मैं अभी स्वस्थ हूं। आगे भी लंबे समय तक रहूंगी। अपना उत्तराधिकारी मैंने अभी किसी को घोषित नहीं किया है। मेरा उत्तराधिकारी भी दलित ही होगा। उसे ठीक उसी तरह चुना जाएगा, जिस तरह मान्यवर कांशीराम ने मुझे उत्तराधिकारी चुना था।’

नई दिल्ली। बीएसपी की सुप्रीमो मायावती ने एक ही जाति की अपनी पसंद उजागर कर दी है। मायावती ने खुद साबित किया है कि पार्टी सिर्फ यूपी चुनाव के लिए ब्राह्मणों की बात कह रही है। यूपी में ब्राह्मण वोटरों की तादाद करीब 13 फीसदी है। साल 2007 में मायावती ने ‘हाथी नहीं गणेश है’ और ‘ब्राह्मण शंख बजाएगा, हाथी चलता जाएगा’ का नारा देकर यूपी की सत्ता हासिल की थी। इस बार भी बीएसपी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा यूपी में घूम-घूमकर ब्राह्मण सम्मेलन और प्रबुद्ध सम्मेलन कर रहे हैं, लेकिन ब्राह्मणों को सिर्फ यूपी चुनाव में वोट बैंक के तौर पर बीएसपी देख रही है, ये मायावती के ताजा बयान से साफ हो गया है।

BSP MP Satish Mishra

हुआ यूं कि शुक्रवार को एक न्यूज चैनल के प्रोग्राम में सतीश चंद्र मिश्रा ने हिस्सा लिया। वहां उनसे मायावती के उत्तराधिकारी के बारे में पूछा गया। इस पर सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि अभी ये तय नहीं है। सवाल ये भी पूछा गया कि बीएसपी के नेशनल को-ऑर्डिनेटर और अपने भतीजे आकाश आनंद को क्या मायावती अपना उत्तराधिकारी बनाएंगी ? इस सवाल पर सतीश मिश्रा ने कहा कि जैसे मैं पार्टी का महासचिव हूं, उसी तरह आकाश भी हैं।

BSP Chief Mayawati

इसके तुरंत बाद मायावती ने उत्तराधिकार के मसले पर बयान जारी किया। मायावती ने बयान में कहा, ‘मैं अभी स्वस्थ हूं। आगे भी लंबे समय तक रहूंगी। अपना उत्तराधिकारी मैंने अभी किसी को घोषित नहीं किया है। मेरा उत्तराधिकारी भी दलित ही होगा। उसे ठीक उसी तरह चुना जाएगा, जिस तरह मान्यवर कांशीराम ने मुझे उत्तराधिकारी चुना था।’ इसी बयान से साबित हो गया कि मायावती किसी सूरत में पार्टी में शामिल सतीश चंद्र मिश्रा या किसी और अगड़ी जाति के व्यक्ति को बीएसपी की कमान नहीं सौंपेंगी। यानी उनकी सियासत सिर्फ दलितों के ही इर्द-गिर्द घूमेगी और ब्राह्मण और अन्य अगड़ी जातियों की बात महज वोट के लिए ही बीएसपी करेगी।