UP: मायावती सरकार के दौरान NRHM घोटाले के आरोपी डॉ. सचान की हुई थी जेल में हत्या! सीबीआई के क्लोजर रिपोर्ट पर कोर्ट को शक

डॉक्टर सचान की मौत 26 जून 2011 को लखनऊ जेल में हुई थी। मामले के संदिग्ध होने के कारण इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 14 जुलाई 20111 को सीबीआई को जांच सौंपी थी। सीबीआई ने 27 सितंबर 2012 को इसे आत्महत्या बताते हुए क्लोजर रिपोर्ट दी थी। मालती सचान ने क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती दी थी। फिर कोर्ट ने सीबीआई को फिर जांच का आदेश दिया था। जांच के बाद सीबीआई ने एक बार फिर 9 अगस्त 2017 को क्लोजर रिपोर्ट दे दी।

Avatar Written by: July 12, 2022 11:28 am
dr ys sachan

लखनऊ। यूपी में मायावती सरकार के दौरान हुए NRHM घोटाले के आरोपी रहे डॉक्टर वाईएस सचान की लखनऊ जेल में संदेहास्पद स्थितियों में मौत हो गई थी। तब जेल प्रशासन ने दावा किया था कि सचान ने सर्जिकल ब्लेड से अपने बदन पर तमाम जगह नसों को काटकर खुदकुशी कर ली है, लेकिन अब सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने इसे खुदकुशी की जगह हत्या और साजिश माना है। कोर्ट ने इस मामले में आला पुलिस अफसरों के अलावा लखनऊ जेल के तत्कालीन जेल, डिप्टी जेलर और बंदी रक्षक को इस साजिश का हिस्सा मानते हुए 8 अगस्त को तलब किया है। डॉक्टर सचान को एनआरएचएम घोटाले में गिरफ्तार किया गया था। लखनऊ जेल में उनकी जून 2011 में मौत हो गई थी। सचान के परिवार ने पहले ही उनकी हत्या की साजिश की आशंका जताई थी, लेकिन जेल प्रशासन ने इससे इनकार कर दिया था। बता दें कि इस घोटाले में मायावती सरकार के कद्दावर मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा और प्रमुख सचिव रहे प्रदीप शुक्ला भी आरोपी हैं और जेल जा चुके हैं।

mayawati

सीबीआई कोर्ट में डॉक्टर सचान की पत्नी मालती सचान ने अर्जी दी थी। इस पर विशेष जज समृद्धि मिश्रा ने आरोपियों को तलब किया है। खास बात ये है कि सचान की मौत को आत्महत्या बताकर सीबीआई दो बार क्लोजर रिपोर्ट भी कोर्ट में दाखिल कर चुकी है। जिन पुलिस अफसरों को कोर्ट ने 8 अगस्त को तलब किया है, उनमें तत्कालीन डीजीपी रहे करमवीर सिंह, एडीजी रहे वीके गुप्ता, लखनऊ के तत्कालीन आईजी जोन सुभाष कुमार सिंह हैं। इनके अलावा कोर्ट ने तत्कालीन जेलर बीएस मुकुंद, डिप्टी जेलर सुनील कुमार सिंह, मुख्य वार्डन बाबू राम दुबे और बंदी रक्षक पहिंद्र सिंह को भी अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया है।

CBI

डॉक्टर सचान की मौत 26 जून 2011 को लखनऊ जेल में हुई थी। मामले के संदिग्ध होने के कारण इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 14 जुलाई 20111 को सीबीआई को जांच सौंपी थी। सीबीआई ने 27 सितंबर 2012 को इसे आत्महत्या बताते हुए क्लोजर रिपोर्ट दी थी। मालती सचान ने क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती दी थी। फिर कोर्ट ने सीबीआई को फिर जांच का आदेश दिया था। जांच के बाद सीबीआई ने एक बार फिर 9 अगस्त 2017 को क्लोजर रिपोर्ट दे दी। कोर्ट ने इस क्लोजर रिपोर्ट को 19 नवंबर 2019 को खारिज कर दिया था।