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धर्मनगरी अयोध्या का होगा कायाकल्प, दिखेगा कुछ ऐसा नजारा, केंद्र-राज्य सरकार मिलकर करेंगे काम

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण भूमि पूजन की तारीख करीब आती जा रही है। पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भव्य राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास के साथ अयोध्या का भी कायाकल्प शुरू होगा।

नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण भूमि पूजन की तारीख करीब आती जा रही है। पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भव्य राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास के साथ अयोध्या का भी कायाकल्प शुरू होगा। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के साथ ही शहर के तमाम स्थानों का भी विकास सुनिश्चित करने की योजना बनाई गई है। केंद्र और राज्य सरकार दोनों ने मिलकर अयोध्या को वर्ल्ड क्लास सिटी बनाने की दिशा में काम शुरू कर दिया है।

ram mandir ayodhya

इस क्रम में केंद्र की नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने रामनगरी अयोध्या के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए बड़ा एक्शन प्लान तैयार किया है। एनएचएआई ने अयोध्या के सौंदर्यीकरण का काम दो भागों में बांटा है। पहला सिविल और दूसरा ब्यूटीफिकेशन वर्क। अयोध्या में होने वाले सिविल वर्क के लिए 40 करोड़ रुपए जबकि ब्यूटीफिकेशन वर्क के लिए 15 करोड़ का फंड रखा गया है। अयोध्या में होने वाले सिविल कार्य की टेंडर प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। इसका 30 फीसदी काम भी पूरा हो चुका है। जबकि सौंदर्यीकरण के काम के लिए भी टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है, और इस पर भी काम चालू है।

ayodhya

केंद्र और राज्य सरकार मिलकर करेंगे काम

अयोध्या के कायाकल्प के लिए केंद्र की कुछ योजनाओं के साथ ही प्रदेश सरकार भी काम करेगी। पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के विकास के लिए कराए जाने वाले कामों की समीक्षा भी की थी। सीएम योगी ने रामनगरी अयोध्या के सभी विकास कार्यों को योजना बनाकर चरणबद्ध तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने अयोध्या आने वाले दर्शनार्थियों के लिए इलेक्ट्रिक कार्ट के माध्यम से यातायात की सुविधा उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिये।

Narendra Modi & yogi Adityanath

आने वाले दिनों में शहर की सड़कों का चौड़ीकरण किया जाएगा। जिससे यातायात व्यवस्था को सुगम बनाया जा सके। इसके अलावा अयोध्या में कई जगहों पर मल्टीलेवल पार्किंग की व्यवस्था भी की जाएगी। साथ ही बसों के लिए अलग से हाईटेक बस स्टैंड बनाए जाएंगे। अयोध्या को सुंदर बनाने के लिए सड़कों के किनारे खूबसूरत पेड़-पौधे और साज-सजावट के समान लगाए जाएंगे। साथ ही पूरे शहर की इलेक्ट्रिक केबल को अंडर ग्राउंड करने पर भी काम चल रहा है।एनएचएआई की योजना है कि लखनऊ, गोरखपुर और अन्य मार्गों से अयोध्या में प्रवेश करने वाले लोगों को शहर की सुंदरता के प्रति आकर्षित किया जा सके।

Ayodhya

बढ़ेंगी विकास की संभावनाएं

एनएचएआई की इस योजना में 55 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की जानी है। इस काम के लिए आगामी बुधवार को निविदाएं खोली जाएंगी। एनएचएआई का कहना है कि इस प्रॉजेक्ट के जरिए अयोध्या के विकास को और गति मिल सकेगी। इसके अलावा राम मंदिर के निर्माण कार्य के पूरा होने तक अयोध्या को एक अलग रूप में पर्यटन के बड़े क्लस्टर के रूप विकसित किया जा सकेगा।

500 करोड़ की विशालकाय प्रतिमा : रामनगरी में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की विशालकाय प्रतिमा लगायी जा रही है। सरकार की योजना है वर्ष 2022 तक मूर्ति स्थापित हो जाए। इसके लिए 500 करोड़ रुपए का बजट दिया जा चुका है।

600 करोड़ में प्रभु श्रीराम एयरपोर्ट: प्रभु श्रीराम एयरपोर्ट को थाईलैंड स्वर्णभूमि एयरपोर्ट से भी खूबसूरत बनाने का काम चल रहा है। 600 करोड़ रुपए में से 200 करोड़ की पहली किस्त रिलीज हो गयी है।

1289 करोड़ की फोरलेन रिंग रोड :- अयोध्या में 46 किमी. की परिधि में 1289 करोड़ रुपए से फोरलेन रिंग रोड के निर्माण से अयोध्या का पुराना स्वरुप बदल जाएगा। वहीं अयोध्या रेलवे स्टेशन नौ रेलवे ट्रैक वाले स्टेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है, काम बड़ी तेजी से चल रहा है। इस रेलवे स्टेशन को पूरी तरह से रामकथा की तरह विकसित किया जा रहा है।

7195 करोड़ की 84 कोसी यात्रा मार्ग :- 84 कोसी यात्रा मार्ग के किनारे राम की पौराणिकता से जुड़े मंदिरों और धार्मिक स्थलों को नयी पहचान दी जा रही है। यहां की पांच राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के लिए केंद्र सरकार ने 7,195 करोड़ की मदद दी है। कुछ परियोजनाओं का प्रथम चरण पूरा हो चुका है।

Ayodhya Ram Mandir

600 करोड़ से जगमगाएगा शहर :- पर्यटन विभाग श्रद्धालुओं-पर्यटकों के लिए करीब छह सौ करोड़ से राम की पैड़ी, गुप्तारघाट, आधुनिक बस अड्डा, क्वीन हो पार्क, रामकथा पार्क समेत शहर को लाइटिंग से सुसज्जित करने की योजना पर काम कर रहा है।

7000 करोड़ की नव्य अयोध्या :- अयोध्या में नव्य अयोध्या विकसित की जाएगी। इसे अवधपुरी में इक्ष्वाकु नगरी के नाम से बसाया जाएगा। इक्ष्वाकु नगरी पर पहले चरण में 7 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। यहां शोध केंद्र, ऑडिटोरियम, गुरुकुल, शिक्षा, खेल, मनोरंजन, चिकित्सा पर्यटन और परिवहन की अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी।