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भारत की सख्ती से बौखलाया चीन, देखिए LAC पर किया कुछ ऐसा

भारत-चीन सीमा विवाद के बीच चीन बाज नहीं आ रहा है। वह पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी के बाद अब उत्‍तरी लद्दाख के डेपसांग में सेना की तैनाती बढ़ा रहा है। इस तरह चीन ने भारत के खिलाफ नया मोर्चा खोल दिया है।

नई दिल्‍ली। भारत सरकार के सख्त रवैया के चलते चीन पूरी तरह से बौखला हुआ है। जिसके कारण ड्रैगन लगातार नापाक हरकतों को अंजाम देने की फिराक कर रहा है। हालही में चीन की साजिशों का बड़ा खुलासा हुआ था। सेटेलाइट तस्वीरों ने चीन की पोल खोल दी थी। इसी बीच मोदी सरकार की सख्ती के आगे घबराए चीन ने सेना की हलचल अब देपसांग सेक्टर में बढ़ा दी है।

Narendra Modi Xi jin ping

बताया जा रहा है कि चीन के सैनिक यहां घुसपैठ की कोशिश में हैं। यहां वो सेना की तैनाती बढ़ा रहा है। देपसांग से 21 किलोमीटर दूर बड़ी संख्या में सेना तैनात की है। यहां कैम्पों में सैन्य गाड़ियां और तोप भी पहुंचने लगी हैं। इस तरह चीन ने भारत के खिलाफ नया मोर्चा खोल दिया है। इस क्षेत्र में 2013 में दोनों पक्षों के बीच लंबा तनाव देखा जा चुका है। वहीं भारत ने भी भारतीय सैनिकों की संख्या बढ़ाई गई है।

वहीं, भारत भी चीन को कड़ा जवाब देने के लिए तैयार है। इसी के साथ भारत ने अपने सबसे अच्छे टी-90 टैंकों को लद्दाख में तैनात कर दिए है। खबरों के मुताबिक चीन ने अपनी सीमा में टैंकों और बख्तरबंद गाड़ियों, तोपों और सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है। जवाबी कार्रवाई करते हुए भारत ने भी अपने सबसे भरोसेमंद हथियार को लद्दाख के मोर्चे पर पहुंचा दिए है। भारत-चीन के बीच लद्दाख में शुरू हुए सीमा विवाद को अब दो महीने होने वाले हैं।

galwant ghati

बता दें कि लद्दाख के खुले मैदान टैंकों के लिए बहुत अच्छा मौका देते हैं। यहां पूर्वी लद्दाख के स्पांगुर गैप से होकर सीधे चीन के अंदर जा सकते हैं। इसके अलावा डेमचौक इलाके में जिसे इंडल वैली कहते हैं उसके पांच महत्वपूर्ण पासों की सुरक्षा का जिम्मा भी ये टैंक संभाल सकते हैं। दोनों ही इलाकों में खुले हुए मैदान हैं जहां टैंकों की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।

इस इलाके में जमीन रेतीली है इसलिए टैंकों के जरिए तेजी से आगे बढ़ना आसान है। स्पांगुर गैप या डेमचौक दोनों ही जगहों से चीन का महत्वपूर्ण जी 219 हाईवे 50 किमी से ज्यादा दूर नहीं है। अगर लड़ाई भड़की तो चीन के लिए इस हाईवे की सुरक्षा करना सबसे जरूरी होगा। उस समय ये हाईवे भारतीय टैंकों के लिए आसान निशाना होंगे।

आपको बता दें कि गलवान घाटी में 10 दिन पहले भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद एक सैटेलाइट इमेज से नया खुलासा हुआ है। इस हाई रेजोल्यूशन इमेज में गलवान नदी के आसपास लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के दोनों ओर चीनी सेना के कई निर्माण या कैम्प साफतौर पर दिखाई दिए हैं। रिपोर्ट्स में इस दावे से जुड़ी तस्वीर जारी की गईं। गलवान घाटी में 15 जून की रात हिंसक झड़प में हमारे 20 जवान शहीद हो गए थे, जबकि चीन के कमांडिंग अफसर समेत करीब 40 सैनिक मारे गए।