newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

चीन ने पाकिस्तान को दिए 50 हथियारबंद ड्रोन, भारतीय सेना ने दी चेतावनी ‘हमारी सीमा में घुसने वाले हर ड्रोन को मार गिराएंगे’

Drones Pakistan: अफगानिस्तान(Afganistan) और ईराक(Iraq) में अमेरिका के हथियारबंद ड्रोन आतंकवादियों के खिलाफ स्ट्राइक करने को लेकर भारतीय सेना ने कहा कि, यहां के हवाई क्षेत्र पर अमेरिका का प्रभुत्व है।

नई दिल्ली। इन दिनों पाकिस्तान का खास दोस्त बना चीन पाक पर काफी मेहरबान नजर आ रहा है। बता दें कि चीन ने पाक को इसी महीने 50 हथियारबंद ड्रोन की सप्लाई किया है। इन ड्रोनों को विंग लूंग 2 के नाम से जाना जाता है। बता दें कि चीन और पाकिस्तान के बीच हुई इस नई डील की वजह से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारत के लिए बुरी खबर हो सकती है, ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय सेना के पास नए युग के स्टैंड-ऑफ हथियारों का जवाब देने की क्षमता नहीं है, लेकिन ये तय है कि भारतीय सेना अपने हवाई क्षेत्र में घुसने वाले ड्रोन को मार गिराने में सक्षम है। ऐसे में चीनी मीडिया का कहना है कि भारतीय जमीनी संरचनाएं बड़ी संख्या में सशस्त्र ड्रोनों के हमले को फेल करने में असमर्थ हैं। गौरतलब है कि अफ्रीका और एशिया के क्षेत्रों में चीनी ड्रोन की सफलता को ध्यान में रखते हुए, भारतीय सेना के अधिकारियों का कहना है कि हवाई क्षेत्रों में हथियारबंद ड्रोन बिना किसी रुकावट के काम करते हैं या जहां संबंधित देश का हवाई प्रभुत्व हाे।

china pakistan

अफगानिस्तान और ईराक में अमेरिका के हथियारबंद ड्रोन आतंकवादियों के खिलाफ स्ट्राइक करने को लेकर भारतीय सेना ने कहा कि, यहां के हवाई क्षेत्र पर अमेरिका का प्रभुत्व है। सेना का कहना है कि ऐसा भारत के साथ पाकिस्तान और चीन के मामले में संभव नहीं है।

वहीं एक पूर्व सेनाध्यक्ष ने ड्रोन को विफल करने को लेकर कहा कि जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा हो या लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा हो, इस तरह के हवाई क्षेत्रों पर रडार की सहायता से बहुत बारीकी से निगरानी की जाती है। वहीं सैनिक भी गर्मजोशी के साथ मुकाबला करने के लिए तैयार रहते हैं।  ऐसे में अगर कोई भी सीमा को हथियारबंद ड्रोन पार करेगा तो उसे मार गिराया जाएगा।

drone
प्रतीकात्मक

साफ है कि आज के वर्तमान समय में भारतीय सेना के पास कोई हथियारबंद ड्रोन सिस्टम नहीं है। हालांकि नौसेना अमेरिका से लीज पर दो ड्रोन अधिग्रहण कर रही है ताकि समुद्री सीमा पर अपने दोस्त और दुश्मन को आसानी से पहचान सके। इजरायली हेरॉन ड्रोन के उन्नयन में समय लगेगा।