Politics For Post: कांग्रेस अध्यक्ष रहते राहुल ने पार्टी को दिलाई थी सफलता? समर्थक दे रहे हैं पक्ष में आंकड़े, लेकिन हकीकत उलट

राहुल के अध्यक्ष रहते कांग्रेस की जीत के आंकड़े पर नजर डालें, तो साल 2018 में उसने जेडीएस के साथ गठबंधन में कर्नाटक में सरकार बनाई, लेकिन ये सरकार एक साल भी नहीं चली। वहीं, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में भी कांग्रेस की सरकारें बनीं, लेकिन मध्यप्रदेश की सरकार भी 2020 में गिर गई।

Avatar Written by: May 9, 2022 11:43 am
rahul gandhi

नई दिल्ली। 13 मई से राजस्थान में कांग्रेस का चिंतन शिविर होने जा रहा है। उससे ठीक पहले पार्टी का एक खास धड़ा एक बार फिर राहुल गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने के लिए जोर-आजमाइश में जुटा है। इस धड़े का दावा है कि राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष रहते पार्टी ने चुनावों में अच्छे नतीजे दिए थे। अंग्रेजी अखबार ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ ने ये खबर दी है। अखबार से बात करते हुए कांग्रेस की डेटा एनालिस्ट टीम के प्रमुख प्रवीण चक्रवर्ती ने अखबार से कहा कि पिछले कुछ साल में 2018 में कांग्रेस ने बढ़िया परफॉर्मेंस दिया था। उस वक्त राहुल गांधी अध्यक्ष थे। हालांकि, आंकड़े ही इसके उलट गवाही दे रहे हैं।

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प्रवीण का कहना है कि इसी साल कांग्रेस को पूरी तरह अध्यक्ष के तौर पर राहुल गांधी देख रहे थे और उनके योगदान को नकारा नहीं जा सकता। 137 साल पुरानी कांग्रेस के अध्यक्ष के तौर पर राहुल गांधी को साल 2017 में चुना गया था। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में दूसरी बार कांग्रेस की दुर्दशा और सिर्फ 52 सीटें जीतने के बाद राहुल गांधी ने इसकी जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष पद छोड़ दिया था। उसके बाद उनकी मां सोनिया गांधी फिर अध्यक्ष बन गई थीं। हालांकि, इस बार उन्होंने बतौर कार्यकारी अध्यक्ष पद संभाला।


राहुल के पक्ष वालों का कहना है कि साल 2017 में राहुल की वजह से ही गुजरात विधानसभा चुनाव में पार्टी 187 में से 77 सीट जीत सकी थी। इससे पहले 2014 से 2017 तक कांग्रेस ने महाराष्ट्र और केरल में सत्ता गंवाई। राहुल के अध्यक्ष रहते कांग्रेस की जीत के आंकड़े पर नजर डालें, तो साल 2018 में उसने जेडीएस के साथ गठबंधन में कर्नाटक में सरकार बनाई, लेकिन ये सरकार एक साल भी नहीं चली। वहीं, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में भी कांग्रेस की सरकारें बनीं, लेकिन मध्यप्रदेश की सरकार भी 2020 में गिर गई।

इन सब पर भी अखबार से राहुल के करीबियों ने कहा कि जब उनके नेता ने अध्यक्ष पद छोड़ दिया, तो सबकुछ भहराकर गिर गया। वो ये भी तर्क देते हैं कि पंजाब, तमिलनाडु और केरल की 72 लोकसभा सीट में से राहुल ने 53 जितवाईं। जबकि, पिछले दिनों का इतिहास बता रहा है कि पंजाब में विधानसभा चुनाव की कमान राहुल गांधी ने हाथ में ली थी, लेकिन वहां भी पार्टी ने सत्ता गंवा दी।