भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सरकारी नौकरी के लिए अलग से परीक्षा नहीं होगी, बल्कि नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (National Recruitment Agency) द्वारा आयोजित परीक्षा में मिले अंकों के आधार पर नौकरी दी जाएगी। इस निर्णय का ऐलान राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने गुरुवार को किया। सीएम शिवराज सिंह ने कहा है कि अपने युवा बेटे-बेटियों के कल्याण के लिए हमने एक और अनूठा व क्रांतिकारी निर्णय लिया है। प्रदेश की शासकीय नौकरियों के लिए युवाओं को अलग से कोई परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं होगी। एनआरए द्वारा आयोजित परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर ही इन्हें प्रदेश की शासकीय नौकरियां मिलेंगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा , “एनआरए द्वारा आयोजित परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के आधार पर ही नौकरी देने का अभूतपूर्व निर्णय लेने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य है। इससे युवाओं का जीवन सहज, सुगम बनेगा। देश के दूसरे राज्य भी मध्यप्रदेश की इस पहल को अपनाकर अपने प्रदेश के बेटे-बेटियों को बड़ी राहत दे सकते हैं।”
यशस्वी प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (NRA) के गठन के फैसले से युवाओं के भविष्य की राह आसान हुई है।
अब SSC,RRB व IBPS की नौकरियों के लिए केवल एक ही परीक्षा में भाग लेना पर्याप्त होगा। देश के युवाओं की ओर से प्रधानमंत्री जी का अभिनंदन!
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 20, 2020
ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री चौहान ने इससे पहले राज्य में सरकारी नौकरी सिर्फ मध्य प्रदेश के युवाओं और छात्रों को देने का ऐलान किया था। मुख्यमंत्री चौहान ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण फैसला किया है कि मध्य प्रदश की शासकीय नौकरियां अब सिर्फ राज्य के बच्चों को ही दी जाएगी। इसके लिए हम आवश्यक कानूनी प्रावधान कर रहे हैं।
वहीं, शिवराज सिंह ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें उन्होंने 15 अगस्त 2020 के अपने संबोधन में की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन को लेकर आवश्यक निर्देश दिए।