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Maharashtra : कोरोना से कराह रहा महाराष्ट्र, फिर भी दिख रहा उद्धव ठाकरे का अहंकार, राज्यपाल को लिखा आपसे हिंदुत्व के…

CM thackeray reply to governor bhagat singh koshyari : एक तरफ जहां देश में महाराष्ट्र कोरोनावायरस महासंकट (Coronaviurs) की सबसे ज्यादा मार झेल रहा है। कोरोना के सबसे ज्यादा एक्टिव केस भी यहीं आ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर संकट की घड़ी में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे हिंदुत्व की राजनीति करने में जुटे है।

मुंबई। एक तरफ जहां देश में महाराष्ट्र कोरोनावायरस महासंकट (Coronavirus) की सबसे ज्यादा मार झेल रहा है। कोरोना के सबसे ज्यादा एक्टिव केस भी यहीं आ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर संकट की घड़ी में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे हिंदुत्व की राजनीति करने में जुटे है। इसी बीच महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Governor Bhagat Singh Koshyari) और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) के बीच राज्य में मंदिरों को फिर से खोलने के मुद्दे पर लेटर वार शुरू हो गया। दरअसल राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से नवरात्र और त्योहारों को देखते हुए राज्य में मंदिर खोलने के लिए कहा था और पत्र लिखा था। राज्यपाल ने अपने पत्र में ठाकरे के हिंदुत्व पर सवाल उठाते हुए पूछा, “आप हिंदुत्व के एक मजबूत स्तंभ रहे हैं, अब आप क्या ‘सेक्युलर’ हो गए हैं?” राज्य के मंदिरों में पूजा करने की अनुमति देने के मामले में कोश्यारी ने ठाकरे को पत्र लिखा था और पूछा था कि मंदिर कब से खुल रहे हैं। राज्य में सभी मंदिर कोरोनावायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन के कारण 23 मार्च से ही बंद हैं।

bhagat singh koshyari

कोश्यारी ने पत्र में लिखा कि कैसे ठाकरे ने मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद अयोध्या जाकर भगवान राम के प्रति अपनी भक्ति को सार्वजनिक रूप से दिखाया था और बाद में 1 जुलाई को आषाढ़ी एकादशी पर प्रसिद्ध पंढरपुर के भगवान विठ्ठल और देवी रुक्मिणी मंदिर में पूजा की थी। कोश्यारी ने कहा, “यह विडंबना है कि जहां एक ओर राज्य सरकार ने बार, रेस्तरां और समुद्र तट खोलने की अनुमति दी है, वहीं दूसरी ओर हमारे देवी-देवता अभी भी लॉकडाउन में हैं।”

मुझे हिंदुत्व साबित करने की जरूरत नहीं- उद्धव ठाकरे

उद्धव ठाकरे ने कोश्यारी को इसका कड़ा जवाब देते हुए कहा कि राज्यपाल ने ‘हिंदुत्व’ के बारे में जो उल्लेख किया है, वह बिल्कुल सही था। ठाकरे ने कहा, “हालांकि, मुझे किसी से भी हिंदुत्व पर सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है, न ही मुझे इसे किसी से सीखना है। जो लोग पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के साथ हमारे राज्य और इसकी राजधानी (मुंबई) की तुलना करने वाले का गर्मजोशी से स्वागत करते हैं, वे मेरे हिंदुत्व की परिभाषा में फिट नहीं बैठते।”

Udhhav thackeray

ठाकरे ने कहा, “क्या आप ये कहना चाह रहे हैं कि सिर्फ मंदिर खोल देने से कोई हिंदुत्व का मसीहा हो जाता है और उसे बंद करने से वो सेक्युलर हो जाता है?”

ठाकरे ने अपने जवाबी पत्र में कोश्यारी से सीधे पूछा, “आपने उस संविधान की शपथ ली है, जिसका मुख्य सिद्धांत सेक्युलरिज्म (धर्मनिरपेक्षता) है, क्या आप इससे सहमत नहीं हैं?”

कोश्यारी ने इस पर आश्चर्य जताया कि ठाकरे मंदिरों को फिर से खोलने के फैसले को बार-बार क्यों स्थगित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 8 जून को दिल्ली और जून के अंत तक पूरे देश में मंदिर और दूसरे पूजा स्थल खोल दिए गए।

ठाकरे ने इसके जवाब में कहा, “आप (कोश्यारी) ने ऐसी चीजों का अनुभव किया होगा, मैं इतना महान नहीं हूं।” उन्होंने कहा कि वह (ठाकरे) महाराष्ट्र के लोगों के लिए अच्छा काम करने की कोशिश कर रहे हैं।

Uddhav Thackeray and his wife Rashmi meet Maharashtra Governor Bhagat Singh Koshyari

कोश्यारी ने याद दिलाया कि कैसे 1 जून को ठाकरे ने घोषणा की थी कि लॉकडाउन अब इतिहास की बात हो जाएगी। लेकिन इस घोषणा के चार महीने बाद अभी भी मंदिरों को खोलने पर प्रतिबंध है। जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पहली जिम्मेदारी लोगों की जान बचाना है। उन्होंने कहा कि जिस तरह अचानक से लॉकडाउन लगाना गलत था, उसी तरह अचानक लॉकडाउन हटाना भी गलत है, खासकर ऐसे समय में, जब कोरोनावायरस के मामले बढ़ रहे थे।

राज्यपाल ने अपने पत्र में लिखा कि मंदिरों को खोलने के लिए उन्हें कई अनुरोध मिल चुके हैं। इसके जवाब में ठाकरे ने कहा कि वे सभी अनुरोध भाजपा के लोगों के थे। हालांकि ठाकरे ने राज्यपाल कोश्यारी को आश्वासन दिया कि राज्य में मंदिरों और दूसरे धार्मिक स्थलों को खोलने पर जल्द फैसला लिया जाएगा।