सीएम विजय रूपाणी महत्वपूर्ण बदलाव के साथ गुजरात संशोधन विधेयक 2020 पेश करेंगे
गुजरात (Gujarat)के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी (Vijay Rupani) विधान सभा के आगामी सत्र में गुजरात संशोधन विधेयक 7/2020 (Gujarat Amendment Bill-2020) को द रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 (The Registration Act-1908) में आवश्यक संशोधन (Important amendments) लाने के लिए पेश करेंगे।
नई दिल्ली। गुजरात (Gujarat)के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी (Vijay Rupani) विधान सभा के आगामी सत्र में गुजरात संशोधन विधेयक 7/2020 (Gujarat Amendment Bill-2020) को द रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 (The Registration Act-1908) में आवश्यक संशोधन (Important amendments) लाने के लिए पेश करेंगे। इस संशोधन का उद्देश्य दस्तावेज़ पंजीकरण को सरल, पारदर्शी और कुशल बनाना है।
गुजरात का हरेक नागरिक अब किसी वकील या दस्तावेज़ लेखक की मदद के बिना अपने दस्तावेजों को ऑनलाइन अपलोड और पंजीकृत कर सकता है। नागरिकों के लिए एक ऑनलाइन मसौदा भी उपलब्ध कराया जाएगा। इससे उन शुल्कों को बचाया जा सकेगा जो नागरिकों को अपने दस्तावेजों को लिखने के लिए भुगतान करना पड़ता है। इससे ऐसी प्रक्रियाओं में लगनेवाला समय भी बचेगा।
पहले भू-माफिया फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी दस्तावेज तैयार करके जमीन का मालिकाना हक छीन लेते थे। मुख्यमंत्री ने एक संशोधन भी पेश किया है, जिसमें एक निश्चित भूमि के लिए पंजीकरण कराने वाले व्यक्ति को स्वामित्व के अधिकार का दावा करने वाले आवश्यक साक्ष्य प्रस्तुत करने होंगे। कृषि भूमि के लिए, उसे 7/12 दस्तावेज़ का पेश करने की आवश्यकता होगी साथ संपत्ति कार्ड भी देना होगा अगर यह सिटी सर्वे लैंड होगा।
यह संशोधन या तो राज्य सरकार या केंद्र सरकार, या केंद्र-राज्य वेंचर्स की भूमि की बिक्री, पट्टे, या हस्तांतरण के लिए किए गए हैं। इस सब के लिए अधिकृत व्यक्ति को ऑनलाइन पंजीकरण करते समय संबंधित अधिकारी से अनुमोदन प्रस्तुत करना आवश्यक होगा।
सीएम ने द रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 में तीन नए सेक्शन शुरू किए हैं। वे सभी जो दस्तावेजों को ऑनलाइन पंजीकृत करने के लिए लोगों पर दबाव बनाने या धोखाधड़ी में संलग्न हैं, पावर ऑफ अटॉर्नी का दुरुपयोग करते हैं, या झूठी जानकारी प्रदान करके पंजीकरण कराते हैं, उन्हें 7 साल की जेल या संबंधित भूमि के बाजार मूल्य के बराबर जुर्माना भरना या दोनों ही सजा का सामना करना पड़ेगा।
सामाजिक-आर्थिक और कृषि क्षेत्र में समग्र विकास के कारण गुजरात में भूमि की कीमत लगातार बढ़ी है। इसने किसानों, नागरिकों की जमीन पर अवैध कब्जों की आशंकाओं को बढ़ा दिया है, धमकी, धोखाधड़ी, नकली कागज के आधार पर ऐसी धोखाधड़ी आम हो गई है। इसी को देखते हुए ये संशोधन किया गया है। मुख्यमंत्री द्वारा शुरू किए गए संशोधनों से इस तरह की सभी गतिविधियों पर अंकुश लगेगा और यह प्रक्रिया पारदर्शी होगी और ऐसे तत्वों पर लगाम लगाई जा सकेगी।