Maharashtra Political Crisis: सियासी संकट पर सीएम उद्धव ठाकरे ने तोड़ी चुप्पी, दिया ये बयान

Maharashtra Political Crisis:कोरोना संक्रमित हो चुके उद्धव ने बैठक में साफ कर दिया है कि, ‘अब देखेंगे कि आगे क्या होगा’। तो इस तरह से उन्होंने संजय राउत की राह चलते हुए अब सब कुछ भविष्य के गर्भ में छोड़ दिया है। उधर, आपको ये भी बता दें कि उद्धव द्वारा बुलाई गई बैठक में मंत्रिमंडल के आठ मंत्री नदारद रहे। जिसमें सीएम उद्धव के बेटे और मंत्री आदित्य ठाकरे का नाम भी शामिल था।

सचिन कुमार Written by: June 22, 2022 4:08 pm
cm udhav

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक उथल- पुथल क्या कुछ रुख अख्तियार करती है। क्या इस राजनीतिक घमासान के बीच उद्धव अपनी सरकार बचा पाने में कामयाब हो पाते हैं या अभी जिस तरह के कयास महाराष्ट्र की राजनीति को लेकर लगाए जा रहे हैं, वे वास्तविकता में तब्दील होते हैं। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन उससे पहले जिस तरह से महाराष्ट्र में सियासी घमासान जारी है, उसे लेकर अब शिवसेना के सारे नेता सकते में आ चुके हैं। बेशक, मीडिया से मुखातिब होने के क्रम में शिवसैनिक अपनी सरकार के महफूज होने के दावे कर रहे हों, लेकिन अंदरखाने अब शिवसेना के झंडाबरदार अपनी हार मान ही चुके हैं। यह बात हम नहीं, बल्कि संजय राउत ने अपने बयान में खुद ही जाहिर किया है। जिस तरह से उन्होंने मीडिया से मुखातिब होने के क्रम में यह कहने से गुरेज नहीं किया है कि, ‘ज्यादा से ज्यादा क्या होगा। हमारी सरकार चली जाएगी। विधानसभा भंग हो जाएगी। तो क्या होगा सरकार फिर बन जाएगी’। जिस तरह उन्होंने इस बयान से महाविकास अघाड़ी सरकार की बदाहली को बयां कर दिया है, अब ऐसे में आगे चलकर महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक घमासान क्या रुख अख्तियार करती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। लेकिन उससे पहले आपको बता दें कि सीएम उद्धव ठाकरे ने राज्य में जारी राजनीतिक घमासान और एकनाथ शिंदे के बागी तेवर को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ी है। आइए, आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।

आपको बता दें कि कोरोना संक्रमित हो चुके उद्धव ने बैठक में साफ कर दिया है कि, ‘अब देखेंगे कि आगे क्या होगा’। तो इस तरह से उन्होंने संजय राउत की राह चलते हुए अब सब कुछ भविष्य के गर्भ में छोड़ दिया है। उधर, आपको ये भी बता दें कि उद्धव द्वारा बुलाई गई बैठक में मंत्रिमंडल के आठ मंत्री नदारद रहे। जिसमें सीएम उद्धव के बेटे और मंत्री आदित्य ठाकरे का नाम भी शामिल था। अब इसी बीच पांच बजे फिर से सीएम उद्धव ने शिवसेना के सभी विधायकों की बैठक बुलाई है। बैठक के संदर्भ में उन्होंने व्हीप जारी कर यह भी साफ कर दिया है कि अगर कोई विधायक बैठक में नदारद रहता है, तो यह माना जाएगा कि वो पार्टी से बाहर है और आगे चलकर उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, माना जा रहा है कि आज शाम  तक उद्धव इस्तीफा दे सकते हैं और राज्यपाल भगत सिंह कोठियारी से सरकार भंग करने का सिफारिश कर सकते हैं।

वहीं, बात करें एकनाथ शिंदे की तो उन्होंने अपने साथ 46  विधायकों के समर्थन का दावा किया है, जिसमें से 34 विधायक शिवसेना के पाले के हैं। वे पहले ही बयान जारी अपनी मंशा साफ कर चुके हैं कि वे शिवसैनिक हैं और पार्टी के विचारधाराओं  को आगे बढ़ाने  का काम कर रहे हैं। उधर, खबर है कि शिंदे को उनके समर्थन में 34 विधायकों ने हस्ताक्षर कर अपनी समर्थन जाहिर कर दिया है। जिससे यह साफ जाहिर होता है कि ये विधायक अब अपना पाला बदलने वाले नहीं हैं। उधर,  नितिन देशमुख ने जिस तरह आरोप लगाया था कि उन्हें सूरत में जबरदस्ती बंद करके रख दिया था। उसे लेकर सियासी गलियारों में चर्चा का बाजार गुलजार हो चुका था। उधर, शिवसेना के बागी विधायकों ने एकनाथ शिंदे को विधायक दल का नेता नियुक्त कर लिया है। अब ऐसे में महाराष्ट्र में  जारी राजनीति उथल-पुथल के बीच यह कहना  गलत नहीं होगा कि वो समय दूर नहीं, जब उद्धव मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके होंगे। बहरहाल, अब आगे चलकर महाराष्ट्र की राजनीति क्या रुख अख्तियार करती है।