नई दिल्ली। देशभर में किसानों के द्वारा कल भारत बंद का आह्वान किया गया है। 12 दिन से किसान दिल्ली की सीमा पर डटे हुए हैं। सरकार के साथ किसान नेताओं की 5 दौर की बातचीत बेनतीजा रही है। वही इस कृषि कानूनों को लेकर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद पहले विपक्ष के ऊपर जमकर बरसे और उन्होंने अपने निशाने पर मुलायम सिंह यादव, शरद पवार, राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल को लिया। इसके साथ ही उन्होंने कई पत्र और कांग्रेस के घोषणापत्र के जरिए इन दलों पर निशाना साधा। वहीं किसान आंदोलन को लेकर विपक्ष की राजनीति पर प्रेस कांफ्रेंस करने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पहुंचे और वह जमकर विपक्ष दलों पर बरसे और खूब खरी खोटी सुनाई। इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने साफ और स्पष्ट तौर पर कहा कि केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के हित में कृषि कानून में परिवर्तन किया है और किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर विपक्षी राजनीतिक दल इस आंदोलन से देश में अराजकता फैलाने का काम कर रहे हैं और भोले भाले किसानों को भरमाने का काम कर रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ ने इस प्रेस कांफ्रेंस में साफ कहा कि विरोधी दल देश के भोले-भाले किसानों के कंधे पर बंदूक रख कर राजनीति कर रहे है। उन्होंने आगे कहा कि विपक्षी दल देशभर में अराजकता का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। विपक्षी दलों पर बरसते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसान आंदोलन में अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने वाले राजनीतिक दलों का दोहरा चरित्र उजागर हो रहा है। योगी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। कृषि कानूनों को लागू कर केंद्र सरकार ने आज़ादी के बाद किसानों के हित में क्रांतिकारी फैसला लिया है। योगी ने आगदे कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने एक तरफ तो वन रेंक वन पेंशन तो वहीं वन नेशन, वन मार्किट की दिशा में तेजी से काम करना शुरू किया है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने किसानों के लिए एमएसपी को डेढ़ गुणा बढ़ाने का भी अपना वादा पूरा किया है।
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— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 7, 2020
योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि यूपीए सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान किसानों के हित में कोई काम नहीं किया। इसके साथ ही कृषि कानून को लेकर योगी ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा इस बिल को लाने के पहले स्थाई समिति की बैठक हुई। जिसमें ज्यादातर पार्टियों ने एक्ट में संशोधन की वकालत की थी। आज फिर यह कानून किसान विरोधी कैसे हो गया। विपक्षी राजनीतिक पार्टियां इस किसान आंदोलन में भोलेभाले किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर देशभर में अराजकता का माहौल पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
इसके साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ इस कानून के विरोध में उतरे आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल पर भी जमकर बरसे। वहीं उन्होंने इस मामले में कांग्रेस, टीएमसी, अकाली दल, एनसीपी, शरद पवार, राहुल गांधी, सोनिया गांधी, मुलायम सिंह यादव और मनमोहन सिंह पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में जो इस एक्ट में संशोधन का समर्थन कर रहे थे वह अब इसका विरोध कर रहे हैं यह विपक्ष के दोहरे चरित्र का परिचायक है। ऐसे में इन सभी दलों को जनता के सामने माफी मांगनी चाहिए।
उन्होनें कहा कि UPA सरकार ने 2004 से 2014 तक शासन किया, सरकार में NCP, लेफ्ट, DMK, सपा जैसे दल सरकार में शामिल थे या समर्थन कर रहे थे। UPA सरकार ने 2010 में पत्र भेजे थे APMC एक्ट में संशोधन के लिए पत्र में कहा गया था कि मॉडल एक्ट बनाया जा रहा है। मनमोहन सिंह तब पीएम थे, सोनिया गांधी UPA की चेयरपर्सन थी, राहुल गांधी का महत्वपूर्ण रोल था तब राज्यों को पत्र लिखा था अब ये अपने बयानों से कैसे मुकर रहे हैं। वहीं आम आदमी पार्टी की सरकार ने नए कृषि कानूनों को लेकर राज्य में नोटिफिकेशन जारी कर दिया तो वह किसा मुंह से इस बिल का विरोध कर रहे हैं।