लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार देर रात से प्रदेश में खराब मौसम, तेज हवा और ओलावृष्टि से अन्नदाता किसान की फसलों को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए सर्वे कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों, एसडीएम और तहसीलदारों को मौके पर जाकर तत्काल सर्वे कराकर संबंधित विभाग को डिटेल उपलब्ध कराने के लिए आदेशित किया है ताकि 24 घंटे में अन्नदाताओं के खाते में क्षतिपूर्ति की धनराशि को भेजा जा सके। इतना ही नहीं, सीएम योगी ने अधिकारियों को क्षतिपूर्ति देने में लापरवाही न करने की हिदायत दी है। उन्होंने कहा कि अगर किसी अधिकारी की लापरवाही सामने आती है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि 2 मार्च तक 50 जिलों के सात हजार से अधिक किसानों ने क्षतिग्रस्त फसलों के मुआवजे के लिए आवेदन किया है। सर्वे पूरा होने के बाद फसलों के नकुसान का मुआवजा बीमा कंपनियों के साथ राजस्व विभाग से भी दिया जाएगा। वहीं राहत विभाग ने खराब मौसम को देखते हुए अलर्ट जारी किया है और लोगों से अति आवश्यक कार्य पर ही घर से निकलने की अपील की है।
50 जिलों के 7000 से अधिक अन्नदाताओं ने मुआवजे के लिए किया आवेदन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव राजस्व पी. गुरु प्रसाद ने ओलावृष्टि से हुए फसलों के नुकसान की क्षतिपूर्ति का मुआवजा किसानों को देने के लिए प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों, एसडीएम और तहसीलदारों को मौके पर जाकर सर्वे करने के निर्देश दिये हैं। साथ ही जल्द से जल्द विभाग के पोर्टल पर सर्वे रिपोर्ट लगाने के निर्देश दिये हैं। वहीं 2 मार्च तक प्रदेश के 50 जिलों के अन्नदाताओं ने खराब मौसम, तेज हवा और ओलावृष्टि से क्षतिग्रस्त फसलों के मुआवजे के लिए आवेदन किया है। राहत विभाग के पोर्टल के अनुसार 50 जिलों के 7020 अन्नदाताओं ने क्षतिग्रस्त फसलों के मुआवजे के लिए आवेदन किया है। इसके सापेक्ष 2681 आवेदनों का सर्वेक्षण कार्य पूरा कर लिया गया है जबकि 4339 आवेदनों का सर्वेक्षण युद्धस्तर पर कराया जा रहा है। वहीं बता दें कि खराब मौसम को देखते हुए क्षतिग्रस्त फसलों के मुआवजे के आवेदनों में अभी और इजाफा हो सकता है।
सबसे ज्यादा हमीरपुर के 1256 अन्नदाताओं ने मुआवजे के लिए किया आवेदन
प्रदेश में हमीरपुर के सबसे ज्यादा 1256 अन्नदाताओं ने क्षतिग्रस्त फसलों के मुआवजे के लिए आवेदन किया है। इसी तरह जालौन के 997, मीरजापुर के 969, ललितपुर के 812, झांसी के 650 और बांदा के 580 अन्नदाताओं ने क्षतिग्रस्त फसलों के मुआवजे के लिए आवेदन किया है जबकि आधा दर्जन जिलों के 100 से अधिक अन्नदाताओं ने मुआवजे के लिए आवेदन किया है। मालूम हो कि बाढ़, ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश से 33 प्रतिशत से अधिक क्षतिग्रस्त फसलों से प्रभावित अन्नदाताओं को ही मुआवजा दिया जाता है। वहीं राहत विभाग ने खराब मौसम को देखते हुए अलर्ट जारी किया है। विभाग ने अगले 3 घंटे में अमेठी, अयोध्या, बहराइच, बाराबंकी, गोंडा, हरदोई, लखनऊ, रायबरेली, श्रावस्ती, सीतापुर और उन्नाव में कई स्थानों पर ओलावृष्टि के साथ हवा की गति 40- 60 किमी प्रति घंटे होने की संभावना जतायी है। ऐसे में विभाग ने लोगों को घरों से बहुत जरूरत होने पर ही बाहर निकलने की अपील की है ताकि किसी भी प्रकार की जनहानि से बचा जा सके।
योगी सरकार ओलावृष्टि व बारिश के कारण सरसो, मटर, मसूर, गेहूं, चना आदि फसलों के नुकसान का लगातार सर्वे करा रही है। 19 से 28 फरवरी तक के बीच छह जनपदों के लगभग 150 से अधिक गांवों में 33 फीसदी से अधिक फसलों की क्षति का आकलन किया गया है। इसमें बांदा जनपद के पैलानी तहसील के 13 गांवों में 45 फीसदी से अधिक व बबेरू तहसील के तीन गांवों में काफी अधिक क्षति की जानकारी प्राप्त हुई है। इस अवधि (19 से 28 फरवरी) की बारिश के बाद भी होने वाले नुकसान का योगी सरकार आकलन करा रही है।
छह जनपदों में 150 से अधिक गांवों का हुआ आकलन
निरंतर हो रही बारिश व ओलावृष्टि से निरंतर किसानों की फसलों का नुकसान हो रहा है। इस नुकसान के लगातार बढ़ने की भी संभावना बनी हुई है। योगी सरकार इस परिस्थिति में अन्नदाता किसानों के साथ खड़ी है। इस प्राकृतिक आपदा के कारण सरसों, मटर, मसूर, गेहूं, चना आदि की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। 19 से 28 फरवरी तक के जारी आंकड़ों के मुताबिक बांदा जनपद के पैलानी तहसील के 13 गांवों में 45 फीसदी से अधिक व बबेरू तहसील के तीन गांवों में 33 प्रतिशत से अधिक की क्षति का आकलन हुआ है।
फतेहपुर, हमीरपुर, जालौन, कानपुर के किसानों पर भी मार
राहत आयुक्त जीएस नवीन के मुताबिक फतेहपुर के बिंदकी तहसील के लगभग 10 गांवों में 33 फीसदी से अधिक गेहूं व सरसो की क्षति हुई है। हमीरपुर तहसील के 51 गांवों में गेहूं, सरसो, चना, मटर आदि की फसलों के नुकसान का आकलन किया गया है। वहीं जालौन में भी इन फसलों से जालौन, उरई व कालपी के गांवों में 33 फीसदी से अधिक नुकसान दर्शाया गया है। कानपुर देहात के रसूलाबाद के लगभग 23 और कानपुर नगर के बिल्हौर तहसील के 27 गांवों में 33 फीसदी से अधिक नुकसान का आकलन किया गया है।