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INDIA-US Trade Deal: भारत-अमेरिका व्यापार समझौते में फंसा पेच?, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल बोले- किसी दबाव में नहीं आएंगे…राष्ट्रीय हितों की रक्षा पर ही डील होगी

INDIA-US Trade Deal: भारत ने डब्ल्यूटीओ में कहा है कि अमेरिका ने ऑटोमोबाइल और कार के कुछ पुर्जों पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की बात कही है। इससे भारत के 2.89 अरब डॉलर के निर्यात पर असर पड़ेगा। खबरों के मुताबिक भारत ने अमेरिका से मांग की है कि चमड़ा, जूते-चप्पल, कपड़ों और ऑटोमोबाइल पुर्जों पर वो टैरिफ में कमी करे। भारत ने ये मांग भी रखी है कि अगर अमेरिका सेक्टोरल टैरिफ यानी अलग-अलग क्षेत्रों की चीजों पर टैरिफ लगाता है, तो भारत को छूट दी जाए।

नई दिल्ली। बीते कुछ दिनों से चर्चा ने जोर पकड़ा है कि 9 जुलाई से पहले भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता हो जाएगा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी ये एलान कर चुके हैं कि भारत से व्यापार समझौता होने को है, लेकिन अब मोदी सरकार में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि राष्ट्रीय हित सुरक्षित होने और प्रतिस्पर्धियों पर टैरिफ संबंधी बढ़त मिलने पर ही भारत समझौता करेगा। अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में पीयूष गोयल ने 9 जुलाई की समयसीमा को भी खारिज कर दिया। इससे संकेत मिल रहे हैं कि भारत और अमेरिका में व्यापार समझौता की शर्तें अभी तय नहीं हो सकी हैं और कुछ पेच फंसा हुआ है।

पीयूष गोयल ने अखबार से कहा कि व्यापार समझौता पर भारत ने कभी भी किसी बाध्यता या दबाव में चर्चा नहीं की है। पीयूष गोयल ने कहा कि हमें राष्ट्रीय हितों का ध्यान रखना है। साथ ही समझौता निष्पक्ष भी होना चाहिए। गोयल ने कहा कि अमेरिका की तरफ से 9 जुलाई की समयसीमा तय करने का भारत पर असर नहीं होगा। बता दें कि भारत ने विश्व व्यापार संगठन यानी डब्ल्यूटीओ में अमेरिका के खिलाफ जवाब टैरिफ लगाने का भी प्रस्ताव रखा है। भारत ने डब्ल्यूटीओ में कहा है कि अमेरिका ने ऑटोमोबाइल और कार के कुछ पुर्जों पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की बात कही है। इससे भारत के 2.89 अरब डॉलर के निर्यात पर असर पड़ेगा। खबरों के मुताबिक भारत ने अमेरिका से मांग की है कि चमड़ा, जूते-चप्पल, कपड़ों और ऑटोमोबाइल पुर्जों पर वो टैरिफ में कमी करे। भारत ने ये मांग भी रखी है कि अगर अमेरिका सेक्टोरल टैरिफ यानी अलग-अलग क्षेत्रों की चीजों पर टैरिफ लगाता है, तो भारत को छूट दी जाए।

वहीं, भारत ने कृषि और डेयरी क्षेत्र को अमेरिका के उत्पादों के लिए न खोलने का फैसला किया है। अमेरिका चाहता है कि सोयाबीन, मक्का और डेयरी उत्पादों पर भारत टैरिफ कम करे, लेकिन भारत सरकार किसानों के हित देखते हुए इसे मानने से इनकार कर रही है। पीयूष गोयल ने साफ कह दिया है कि भारत चाहता है कि चीन और वियतनाम से बेहतर व्यापारिक लाभ चाहिए। भारत ऑटोमोबाइल और अमेरिका में बनी व्हिस्की पर कुछ छूट दे सकता है। पीयूष गोयल के ताजा बयान के बाद अब नजर इस पर है कि भारत से व्यापार समझौता पर अमेरिका का क्या रुख रहता है। माना जा रहा है कि भारत और अमेरिका के बीच लघु व्यापार समझौता हो सकता है। बाकी मसलों पर दोनों देश बातचीत जारी रख सकते हैं।