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Congress Changes Position: कांग्रेस भी लेने लगी पटेल, सुभाष और अंबेडकर का नाम, जानिए आखिर सोनिया गांधी ने ऐसा क्यों किया

Congress Changes Position: अब फिर सरदार पटेल, सुभाष चंद्र बोस और अंबेडकर पर लौटते हैं। आजादी के बाद सरदार पटेल ने 540 रियासतों को मिलाकर देश को बनाया। इसे सोनिया ने अपने लेख में याद किया है, लेकिन 2014 से पहले कांग्रेस ने कभी पटेल का नाम क्यों नहीं लिया, इस पर चुप्पी बरकरार है। बात करें सुभाष चंद्र बोस की, तो कांग्रेस ने कभी उन्हें याद नहीं किया।

नई दिल्ली। संभावना और बदलाव अगर सबसे ज्यादा कहीं देखे जाते हैं, तो वह है सियासत। इसका ताजा नमूना है आजादी की 75वीं सालगिरह पर अखबारों में छपा सोनिया गांधी का लेख। इस लेख में कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया ने पार्टी के बदले रुख को सामने रखा है। उन्होंने सरदार पटेल, सुभाष चंद्र बोस और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का नाम श्रद्धा के साथ लिया है। बता दें कि 2014 में केंद्र में सरकार बनाने के बाद नरेंद्र मोदी पटेल, सुभाष और अंबेडकर को लगातार अपने भाषण में जगह देते हुए देश को इनके योगदान के लिए इनको याद करते रहे हैं। जबकि, कांग्रेस इन तीनों नेताओं को हमेशा भुलाती रही है। 2014 से पहले तक पटेल, सुभाष और अंबेडकर को याद न करने वाली कांग्रेस के लिए अब कहा जा सकता है कि हालात और मजबूरी ने उसकी कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पार्टी का रुख बदलने पर मजबूर कर दिया है। बहरहाल, सोनिया ने अपने लेख में गांधी और नेहरू के साथ इन तीन नेताओं को याद किया है, लेकिन अचरज की बात है कि उन्होंने अपनी सास इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को याद नहीं किया। शायद इस वजह से क्योंकि बीजेपी लगातार इंदिरा को आपातकाल का दोषी बताती है और राजीव गांधी को भी बोफोर्स और सिखों की हत्या के मामले में निशाने पर रखती है।
अपने लेख में सोनिया ने मोदी सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया है। साथ ही पेगासस स्पाईवेयर के मामले को भी उठाया है।

Sonia Gandhi

उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि देश की आजादी के लिए अंग्रेजों का सामना करने वालों ने जो सपने देखे थे, वे आज ध्वस्त हो गए हैं। संसद के मॉनसून सत्र में आमराय कायम न करने का आरोप भी सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर जड़ा है। इसके अलावा कोरोना, बच्चों की पढ़ाई और आर्थिक स्थिति के मसले पर भी उन्होंने सरकार को घेरने की कोशिश की है।

अब फिर सरदार पटेल, सुभाष चंद्र बोस और अंबेडकर पर लौटते हैं। आजादी के बाद सरदार पटेल ने 540 रियासतों को मिलाकर देश को बनाया। इसे सोनिया ने अपने लेख में याद किया है, लेकिन 2014 से पहले कांग्रेस ने कभी पटेल का नाम क्यों नहीं लिया, इस पर चुप्पी बरकरार है। बात करें सुभाष चंद्र बोस की, तो कांग्रेस ने कभी उन्हें याद नहीं किया। सुभाष के परिजनों ने तो ये तक आरोप लगाया कि कांग्रेस की सरकारों ने उनकी जासूसी करवाई। वहीं, पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू के साथ तमाम मतभेदों के कारण अंबेडकर को कैबिनेट तक छोड़नी पड़ी थी।

sonia gandhi

जाहिर है, इसके बाद कांग्रेस ने उन्हें भी कभी याद नहीं किया। अब सोनिया इन तीनों नेताओं को गांधी और नेहरू के साथ याद कर रही हैं। सियासत इसी वजह से अलबेली कही जाती है। जहां दुश्मनों को भी दोस्त बनाया जाता है और बीती रात तक दोस्त रहे लोग सुबह दुश्मन के तौर पर एक-दूसरे को देखने लगते हैं।