newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

यूपी चुनाव के लिए कांग्रेस ने बनाई कई समितियां, जितिन प्रसाद का नाम नहीं

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में कांग्रेस पार्टी (Congress Party) ने कई समितियों का गठन किया है जो विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियों पर विचार करेगा। लेकिन किसी भी समिति में पार्टी के वरिष्ठ नेता जितिन प्रसाद (Jitin Prasad) का नाम नहीं है, जो उनके लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में कांग्रेस पार्टी (Congress Party) ने कई समितियों का गठन किया है जो विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियों पर विचार करेगा। लेकिन किसी भी समिति में पार्टी के वरिष्ठ नेता जितिन प्रसाद (Jitin Prasad) का नाम नहीं है, जो उनके लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद उन नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने नेतृत्व के मुद्दे पर पिछले दिनों पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को पत्र लिखा था। पार्टी ने एक बयान में कहा है कि सोनिया गांधी ने उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए कई सारी कमिटियों का गठन किया है। विधानसभा चुनाव फरवरी-मार्च 2022 में होने हैं।

SPG security gandhi family

इन समितियों में प्रदेश के लगभग सभी बड़े नेताओं को शामिल किया गया है, मसलन सलमान खुर्शीद, प्रमोद तिवारी, राशिद अल्वी, नूर बानो, अनुग्रह नारायण लेकिन जितिन प्रसाद का नाम नहीं है। इसके अलावा आरपीएन सिंह और राजबब्बर को स्थान नहीं दिया गया है।

UP Congress List

UP Congress List UP Congress List

इन समितियों का गठन प्रदेश के 9 वरिष्ठ नेताओं के सोनिया गांधी को पत्र लिखने के बाद की गई हैं। इन सभी नेताओं को पार्टी ने पिछले साल बर्खास्त कर दिया था। इस पत्र में प्रियंका गांधी वाड्रा पर निशाना साधा गया था और कहा गया था कि सोनिया गांधी परिवारवाद से ऊपर उठें और कांग्रेस में फिर से लोकतांत्रिक जड़ों को मजबूत करें। इससे पहले जिन कांग्रेस नेताओं ने सोनिया गांधी को पार्टी में सुधार और नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे पर सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी उनमें जितिन प्रसाद भी शामिल थे।

Sonia Gandhi

इससे पूर्व लोकसभा और राज्यसभा में पार्टी के संसदीय दल के पदाधिकारियों की नियुक्ति में भी हाईकमान ने उन नेताओं को कोई जगह नहीं दी थी, जिन्होंने सोनिया गांधी को पत्र लिख कर कांग्रेस संगठन में बदलाव और अध्यक्ष, कार्यसमिति से लेकर जिला स्तर तक के चुनाव कराने व संसदीय बोर्ड के गठन की मांग की थी।