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MP: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को 1 साल की कैद और जुर्माना, कोर्ट ने कहा- जानबूझकर…

विशेष जज ने इस मामले में तीन अन्य आरोपियों कांग्रेस विधायक महेश परमार, मुकेश भाटी और हेमंत चौहान को सबूत न होने पर बरी कर दिया। जमानत मिलने के बाद दिग्विजय सिंह ने कहा कि वो इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। उन्होंने खुद के खिलाफ दर्ज केस को झूठा बताया।

इंदौर। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को 11 साल पुराने एक केस में 1 साल की कैद और 5000 रुपए के जुर्माने की सजा इंदौर की एक अदालत ने सुनाई है। कोर्ट ने बाद में दोषियों की अपील पर सजा के अमल पर रोक लगाते हुए 25-25000 की जमानत भी दे दी। ये मामला साल 2011 के जुलाई महीने का है। दिग्विजय सिंह पर आरोप लगा था कि उन्होंने भारतीय जनता युवा मोर्चा BJYM के कार्यकर्ताओं को साथियों के साथ पीटा। दिग्विजय के अलावा 5 अन्य भी दोषी पाए गए हैं और उन्हें भी इतनी ही सजा कोर्ट ने सुनाई है। विशेष जज मुकेश नाथ ने जानबूझकर गंभीर चोट पहुंचाने, दूसरे लोगों को मारपीट के लिए उकसाने में दिग्विजय के अलावा पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू, अनंत नारायण, जय सिंह दरबार, असलम लाला और दिलीप चौधरी को दोषी पाया।

विशेष जज ने इस मामले में तीन अन्य आरोपियों कांग्रेस विधायक महेश परमार, मुकेश भाटी और हेमंत चौहान को सबूत न होने पर बरी कर दिया। जमानत मिलने के बाद दिग्विजय सिंह ने कहा कि वो इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। उन्होंने खुद के खिलाफ दर्ज केस को झूठा बताया और कहा कि पहले जो एफआईआर दर्ज हुई थी, उसमें उनका नाम नहीं था। बाद में राजनीतिक दबाव की वजह से पुलिस ने आरोपियों में उनका नाम भी शामिल कर लिया। दिग्विजय के वकील राहुल शर्मा के मुताबिक कोर्ट ने पाया कि उनके मुवक्किल ने रितेश खाबिया को पीटने के लिए लोगों को उकसाया था। शर्मा ने कहा कि खाबिया के दाएं हाथ में चोट लगने की बात पुलिस ने कही, लेकिन हड्डी बाएं हाथ की टूटी थी।

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पुलिस ने कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में कहा था कि 17 जुलाई को दिग्विजय सिंह का काफिला उज्जैन के जीवाजीगंज इलाके से गुजर रहा था। उस दौरान युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने विवादित बयानों के विरोध में उन्हें काला झंडा दिखाया था। इस पर दिग्विजय सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं को लाठी और डंडे से पीटा था। इसमें कई लोगों को चोट आई थी।

Digvijay Singh