Gujarat: PM मोदी के खिलाफ टिप्पणी करना कांग्रेस नेता जिग्नेश को पड़ा भारी, असम पुलिस ने देर रात किया गिरफ्तार
Gujarat: जिग्नेश मेवाणी बीते साल सितंबर में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे। बतौर दलित नेता मेवाणी पहली बार हार्दिक पटेल और अल्पेश ठाकोर के साथ साल 2017 के विधानसभा चुनावों के दौरान गुजरात में भाजपा के प्रभुत्व को चुनौती देने वाले युवा चेहरे के रूप में सामने आए थे।
नई दिल्ली। इस साल के आखिर में गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में पार्टियों ने जीत के लिए अभी से अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इन्हीं में शामिल कांग्रेस को चुनाव से पहले झटका लगा है। दरअसल, गुजरात कांग्रेस के दलित चेहरे जिग्नेश मेवाणी को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें बुधवार रात करीब साढ़े 11 बजे पुलिस ने पालनपुर सर्किट हाउस से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार मेवाणी को असम ले जाया जा रहा है लेकिन उनकी गिरफ्तारी के पीछे का कारण क्या है? उन्हें आखिर किस आरोप में गिरफ्तार किया गया है?…ये सवाल अगर आपके मन में भी उठ रहे हैं तो चलिए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला…
पीएम मोदी के खिलाफ की थी टिप्पणी
बताया जा रहा है वडगाम विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी को पीएम मोदी के खिलाफ किए गए उनके ट्वीट की वजह से गिरफ्तार किया गया है। कथित तौर पर जिग्नेश मेवाणी ने कुछ ट्वीट्स किए थे और “गोडसे” का नाम लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुजरात में सांप्रदायिक झड़पों के खिलाफ शांति और सद्भाव की अपील करने की बात कही थी।
समर्थकों का आरोप, नहीं दी एफआईआर की कॉपी
कहा ये भी जा रहा है कि जिग्नेश मेवाणी बुधवार को पालनपुर में रुके थे। वहीं, सर्किट हाउस से पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया। जिग्नेश मेवाणी के समर्थकों ने आरोप लगाया है कि असम पुलिस की तरफ से उन्हें एफआईआर की कॉपी नहीं दी गई जो कथित रूप से उनके खिलाफ दर्ज है।
बीते साल पार्टी में हुए थे शामिल
जिग्नेश मेवाणी बीते साल सितंबर में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे। बतौर दलित नेता मेवाणी पहली बार हार्दिक पटेल और अल्पेश ठाकोर के साथ साल 2017 के विधानसभा चुनावों के दौरान गुजरात में भाजपा के प्रभुत्व को चुनौती देने वाले युवा चेहरे के रूप में सामने आए थे। कांग्रेस को उम्मीद है कि कन्हैया और मेवाणी की एंट्री पार्टी के लिए बेहतर समय लाएगी क्योंकि कई युवा नेता जैसे ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुष्मिता देव, जितिन प्रसाद, प्रियंका चतुर्वेदी और ललितेशपति त्रिपाठी पिछले दो वर्षों में पार्टी छोड़ चुके हैं। ऐसे में अब देखना होगा कि क्या गुजरात में युवा पार्टी के लिए अच्छी खबर ला पाते हैं या नहीं…