नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में विपक्ष के नेता, मल्लिकार्जुन खड़गे सोमवार को एक भूमि सौदे से संबंधित मनी लॉंड्रिंग मामले में अपना बयान दर्ज कराने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मुख्यालय पहुंचे। खड़गे सुबह करीब 11 बजे ईडी कार्यालय पहुंचे। एजेंसी के अधिकारियों की एक टीम अब उनसे इस मामले के सिलसिले में पूछताछ कर रही है। ईडी की तरफ से उन्हें समन जारी कर पूछताछ के लिए पेश होने के लिए कहा था। यहां बता दें कि इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी नेता राहुल गांधी भी आरोपी हैं।नेशनल हेराल्ड मामले की जांच सुब्रमण्यन स्वामी की शिकायत पर शुरू हुई थी। उन्होंने साल 2012 में अदालत में अर्जी दायर कर कांग्रेस नेताओं पर ये आरोप लगाया था कि उन्होंने यंग इंडिया लिमिटेड कंपनी के तहत एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का अधिग्रहण कर लिया था।
उनका ये दावा था कि यंग इंडिया लिमिटेड ने गलत तरीके से नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों का अधिग्रहण किया है। ध्यान हो कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड कंपनी ही नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाश करती रही है। इस कंपनी की स्थापना देश के पहले पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू ने साल 1937 में की थी। केवल नेहरू ही नहीं बल्कि उन्होंने अपने साथ 5,000 अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को भी इसमें जोड़ा था। ये अखबार कांग्रेस पार्टी का मुखपत्र रहा है। साल 2008 में 90 करोड़ रुपये के कर्ज के चलते इस अखबार को बंद कर दिया गया।
Senior #Congress (@INCIndia) leader and Leader of Opposition in #RajyaSabha, Mallikarjun Kharge (@kharge) reached the Enforcement Directorate (@dir_ed) headquarters to record his ststement in connection with a Prevention of Money Laundering case pertaining to a land deal. pic.twitter.com/lMS7Vc1VTg
— IANS (@ians_india) April 11, 2022
सोनिया और राहुल समेत इन नेताओं पर हैं आरोप
नेशनल हेराल्ड केस में सुब्रमण्यन स्वामी ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, दिवंगत नेता मोतीलाल वोरा, पत्रकार सुमन दुबे और टेक्नोक्रेट सैम पित्रोदा पर आरोप मढ़े थे। उनका आरोप था कि यंग इंडिया लिमिटेड के जरिए गलत तरीके से इसका अधिग्रहण किया गया। आरोप ये भी था कि कांग्रेस नेताओं ने इसके जरिए 2,000 करोड़ रुपये तक की संपत्ति भी हथिया ली। साल 2014 में इस मामले की जांच ईडी की तरफ से शुरू की गई। वहीं, इस मामले को लेकर कांग्रेस का कहना है कि यंग इंडिया लिमिटेड का मकसद प्रॉफिट कमाना नहीं है बल्कि इसका गठन चैरिटी के लिए किया गया है।