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Congress Chintan Shivir: जीत के लिए BJP की राह पर कांग्रेस, ‘एक परिवार, एक टिकट’ और पद के लिए बनाए ये नियम..

Congress Chintan Shivir: कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने मीडिया बात करते हुए बताया कि, कोई पुराना नेता हो वो उसका रिश्तेदार, बेटा हो एकदम से आकर चुनाव लड़ ले। अगर किसी को इलेक्शन लड़ना हो वो उसको व्यक्तिगत तौर पर खुद पांंच साल संगठन को देने होंगे। तब जाकर वो चुनाव लड़े। ऐसा नहीं होना चाहिए कि किसी पुराने नेता का बेटा एकदम आकर चुनाव लड़ ले।

नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी अपनी स्थिति को सुधारने के लिए अब कुछ फेरबदल कर सकती है। अक्सर परिवारवाद को लेकर कांग्रेस विपक्ष के निशाने पर रहती है। कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगते हैं कि वह सिर्फ गांधी परिवार को आगे बढ़ाती रहती है और हमेशा पार्टी की कमान गांधी परिवार को ही सौंपी जाती है। जिसका कई बार पार्टी के ही दिग्गज नेता हाईकमान पर निशाना साध चुके हैं और पार्टी की कमान गांधी परिवार के बाहर सौंपने की डिमांड भी कर चुके हैं। नतीजन पार्टी के कई बड़े नेता जो गांधी परिवार के बेहद ही करीबी माने जाते थे वो पार्टी का साथ छोड़कर चले गए। अक्सर चुनाव में ये भी देखा गया है कि टिकट परिवार के सदस्यों को ही दिया जाता है। ऐसे में अब कांग्रेस अपनी इस छवि को बदलने की कोशिश में जुट गई है। इतना ही नहीं कांग्रेस अब भाजपा के नक्शे कदम पर चलते दिख रही है। दरअसल, ‘परिवारवाद’ के आरोपों का सामना करने वाली कांग्रेस अब “एक परिवार, एक टिकट” की पद्धति बनाने पर विचार कर रही है। बता दें कि कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए अभी कमर कसनी शुरू कर दी है। इसी क्रम में राजस्थान के उदयपुर में तीन दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन किया जा रहा है।

कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने मीडिया बात करते हुए बताया कि, कोई पुराना नेता हो वो उसका रिश्तेदार, बेटा हो एकदम से आकर चुनाव लड़ ले। अगर किसी को इलेक्शन लड़ना हो वो उसको व्यक्तिगत तौर पर खुद पांंच साल संगठन को देने होंगे। तब जाकर वो चुनाव लड़े। ऐसा नहीं होना चाहिए कि किसी पुराने नेता का बेटा एकदम आकर चुनाव लड़ ले। अगर किसी को चुनाव लड़ना है तो उसे संगठन को कम से कम पांच साल देने होंगे। इसके साथ ही उन्होंने ये  भी बताया कि कोई नेता किसी पद पर 5 साल से अधिक समय तक नहीं रहेगा। इसके साथ अजय माकन ने सम्मेलन के बाद पार्टी में बड़े संगठनात्मक बदलाव की बात भी कही।

हालांकि कांग्रेस के ‘एक परिवार, एक टिकट’ के प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने की स्थिति में गांधी परिवार से राहुल गांधी के साथ प्रियंका गांधी वाड्रा के अगले लोकसभा चुनाव लड़ने का रास्ता साफ रहेगा, क्योंकि प्रियंका गांधी साल 2019 से सक्रिय राजनीति में उतरी थीं। हालांकि राजनीति में उनके उतरने से पार्टी को कोई खास फायदा नहीं मिला। बल्कि कांग्रेस को बीते चुनावी राज्यों में बुरी तरह से करारी शिकस्त झेलने पड़ी थी।