नई दिल्ली। एमसीडी चुनाव की काउंटिंग जारी है। अभी शुरुआती रुझान हैं। इन रुझानों में बीजेपी और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच बहुमत हासिल करने के लिए कड़ी टक्कर होती दिख रही है। अभी की बात करें, तो दोनों पार्टियां कभी आगे तो कभी पीछे हो रही हैं। लेकिन इनके बीच एक बात साफ है कि कांग्रेस का सूपड़ा एमसीडी चुनाव में साफ हो गया है। कांग्रेस की दुर्गति रुझानों में ही दिखने लगी है। खबर लिखे जाने तक सिर्फ 12 वार्ड में कांग्रेस के प्रत्याशी आगे चल रहे थे। ये रुझान अगर ऐसे ही रहे, तो कांग्रेस के लिए दिल्ली में ये बड़ा झटका साबित होंगे।
दिल्ली एमसीडी में 250 सीटें हैं। बहुमत के लिए 126 सीटों पर जीतना जरूरी है। आम आदमी पार्टी को पूरी उम्मीद है कि वो बहुमत का आंकड़ा जुटा लेगी। वहीं, एमसीडी पर पिछले 15 साल से काबिज बीजेपी भी पीछे हटती फिलहाल नहीं दिख रही है। कांग्रेस ने इस बार जोर तो लगाया था, लेकिन उसका हाल सबसे खराब है। पार्टी अपने पुराने प्रदर्शन को भी दोहरा नहीं पा रही है। इसके साथ ही कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का एक गुब्बारा भी फूटता दिख रहा है। इससे पार्टी को और जोरदार झटका लगने के आसार हैं।
पिछली बार यानी 2017 की बात करें, तो एमसीडी के चुनाव में बीजेपी ने 181 सीटें जीती थीं। आम आदमी पार्टी को पिछली बार 49 और कांग्रेस को 31 सीटें मिली थीं। तब एमसीडी के 272 वार्ड थे। इस बार वार्डों की संख्या घटाकर 250 कर दी गई थीं। पिछली बार एमसीडी को तीन टुकड़ों में भी बांटा गया था। केंद्र सरकार ने संसद में बिल लाकर इसे फिर से एक एमसीडी बना दिया है। अब नई दिल्ली क्षेत्र को छोड़कर एमसीडी पूरी दिल्ली को समग्र तौर पर देखेगी।