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Politics: सोनिया गांधी ने माना PM मोदी से मिल रही बड़ी चुनौती, कांग्रेस सांसदों से बोलीं- पार्टी बचाने के लिए…

सोनिया ने ये भी माना कि आगे का रास्ता पहले के मुकाबले और कठिन है। उन्होंने कहा कि हमारी ताकत का कठिन टेस्ट हो रहा है। इस वजह से कांग्रेस में एकता की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को दोबारा खड़ा करना हमारे लिए ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र और समाज के लिए भी जरूरी है।

नई दिल्ली। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की हालत दिन पर दिन बदतर होती जा रही है और ये चिंता आज पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी के भाषण में छलक आई। कांग्रेस के संसदीय दल की दिल्ली में हुई बैठक में सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर मनरेगा और अन्य योजनाओं को ठीक से लागू न करने और आम लोगों की दुश्वारियां दूर न करने का अपना पुराना राग तो छेड़ा, लेकिन उनके भाषण का बड़ा हिस्सा कांग्रेस को फिर से राजनीति में चमकाने और राज्यसभा में पार्टी के लगातार कम होते सांसदों पर रहा। सोनिया ने ये भी माना कि पीएम नरेंद्र मोदी के दौर में कांग्रेस अब तक की सबसे बड़ी चुनौती का सामना कर रही है। अपने भाषण की शुरुआत ही सोनिया ने राज्यभा से कांग्रेस सांसदों के रिटायर होने के मसले पर किया।

sonia cpp meet

सोनिया गांधी ने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि हमारे 4 बहुत वरिष्ठ और जानकार साथी हाल ही में राज्यसभा से रिटायर हुए हैं। अगले हफ्ते भी कई साथी रिटायर होने वाले हैं। इन साथियों ने अपने राज्यसभा के कार्यकाल के दौरान बहुत काम किया है। हम उन्हें धन्यवाद देते हैं। सोनिया ने आगे कहा कि मुझे यकीन है कि ये सभी रिटायर होने वाले कांग्रेस सांसद राजनीति और जनता के हित के अलावा हमारी पार्टी को मजबूत करने के लिए जुटे रहेंगे। इससे ये भी साफ हो गया कि कांग्रेस के जितने सांसद राज्यसभा से रिटायर हो रहे हैं, उन सभी को दोबारा सदन में भेजने में सोनिया गांधी ने असमर्थता भी जता दी है। इसकी वजह ये है कि कांग्रेस के पास अपने शासित सिर्फ दो राज्य राजस्थान और छत्तीसगढ़ हैं। बाकी महाराष्ट्र और झारखंड में वो सरकार की सहयोगी है।

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अब आपको बताते हैं कि सोनिया गांधी ने किस तरह कांग्रेस की खराब हालत पर अपना दुख जताया और चिंता जाहिर की। सोनिया ने कांग्रेस संसदीय दल से कहा कि हाल ही में आए चुनाव नतीजों से आप भी निराश हुए होंगे। ये दुखदायी थे। मैंने कुछ साथियों से मुलाकात की है। हम शिविर लगाकर अपने साथियों की बात सुनेंगे। इसके बाद वो कदम उठाए जाएंगे, जिनसे कांग्रेस के सामने चुनौती खत्म हो सके। सोनिया ने ये भी माना कि आगे का रास्ता पहले के मुकाबले और कठिन है। उन्होंने कहा कि हमारी ताकत का कठिन टेस्ट हो रहा है। इस वजह से कांग्रेस में एकता की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को दोबारा खड़ा करना हमारे लिए ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र और समाज के लिए भी जरूरी है।

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