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राजस्थानः पार्टी के बागी विधायकों पर सुरजेवाला का बड़ा बयान, कांग्रेस में वापसी के लिए रखी यह शर्त

राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व से नाराज होकर बागी हुए सचिन पायलट सहित 19 कांग्रेस विधायकों की वापसी की संभावना के सवाल पर सुरजेवाला ने कहा, सबसे पहले बागी विधायक वार्तालाप करें और उसको करने के लिए पहली शर्त है कि भाजपा की मेजबानी छोड़ें।

नई दिल्ली। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि राजस्थान के बागी कांग्रेस विधायकों को वापसी के लिए बातचीत से पहले भाजपा से दोस्ती तोड़नी होगी तथा उसकी मेजबानी छोड़कर घर लौटना होगा। राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व से नाराज होकर बागी हुए सचिन पायलट सहित 19 कांग्रेस विधायकों की वापसी की संभावना के सवाल पर सुरजेवाला ने कहा,’सबसे पहले बागी विधायक वार्तालाप करें और उसको करने के लिए पहली शर्त है कि भाजपा की मेजबानी छोड़ें। मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई वाली हरियाणा की भाजपा सरकार का सुरक्षा चक्र छोड़ें।’

Randeep Surjewala and Sachin Pilot

सुरजेवाला ने कहा, ‘हरियाणा में आए दिन बच्चों की हत्याएं हो रही है, सामूहिक दुष्कर्म हो रहे हैं, गुड़गांव में लोगों को सरेराह पीटा जा रहा है और इसके लिए पुलिस उपलब्ध नहीं लेकिन इन 19 विधायकों की सुरक्षा के लिए एक हजार के करीब पुलिस कर्मी लगाए गए हैं। कांग्रेस के नाराज विधायकों को भाजपा जो सुरक्षा दे रही है उसके क्या मायने हैं।’

Randeep S Surjewala

सुरजेवाला ने कहा,’ इसलिए बागी विधायक पहले भाजपा की आवभगत छोड़ें। पहले भाजपा से मित्रता तोड़ें, पहले भाजपा का साथ छोड़ें, उसकी मेहमाननवाजी छोड़ें, पहले भाजपा का सुरक्षा चक्र तोड़े अपने घर वापसी करें तब वार्तालाप होगा।’

Sachin Pilot Ashok Gahlot

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस व उसके समर्थक विधायक यहां जैसलमेर के एक निजी होटल में रुके हुए हैं। जबकि सचिन पायलट की अगुवाई में 19 बागी विधायकों के हरियाणा के होटल में रुके होने के समाचार हैं। राज्य विधानसभा का सत्र 14 अगस्त से शुरू होगा।

Ashok Gahlot Sachin Pilot

सुरजेवाला ने इस अवसर पर राम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम के बारे में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का बयान भी जारी किया। इसमें प्रियंका ने कहा है कि रामलला के मंदिर के भूमिपूजन का कायर्क्रम बुधवार को है। भगवान राम की कृपा से यह कायर्क्रम उनके संदेश को प्रसारित करने वाला राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का कायर्क्रम बने।’