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China India Dispute: तवांग झड़प के बीच कांग्रेस ने साझा किया मोदी-जिनपिंग का फोटो, तो जानिए क्यों सोशल मीडिया पर ट्रोल होने लगे पंडित नेहरू

इसके अलावा संसद के शीतकालीन सत्र में भी सभी विपक्षी दल एकजुट होकर केंद्र सरकार की घेराबंदी जुट गए और इसके बाद बहस इस बात को लेकर शुरू हो गई कि आखिर भारत-चीन सीमा विवाद का जन्मदाता कौन है? क्या वर्तमान की मोदी सरकार है? क्या मनमोहन का नेतृत्व या भारत के प्रथम प्रधानमंत्री रहे पंडित नेहरू?

नई दिल्ली। तकरीबन दो साल बाद एक बार फिर से चीनी सैनिकों ने गलवान पार्ट-2 को जमीन पर उतारने की कोशिश की थी, लेकिन भारतीय सैनिकों के शोर्य के समक्ष चीनियों को मुंह की खानी पड़ी। आए तो थे छाती चौड़ी करके लेकिन भारतीय सैनिकों ने ऐसा दम दिखाया कि सभी दुम दबाकर भाग गए। बता दें, गत 9 दिसंबर को अरूणाचल प्रदेश के तवांग में भारतीय-चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। इस झड़प में भारत के 6 और चीन के 30 जवान घायल हो गए थे। गलवान की ही तरह इस झड़प में भी चीन को ही भारी कीमत चुकानी पड़ी। हालांकि, बाद में झड़प पर चीन ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि अभी स्थिति स्थिर है, लेकिन तवांग सेक्टर में हुए दोनों सैनिकों के बीच झड़प के बाद हिंदुस्तान की राजनीति का पारा गरमा गया। ओवैसी जैसे नेताओं ने इस झड़प को केंद्रीय नेतृत्व की विफलता करार दिया।

India-China Tawang Clash

इसके अलावा संसद के शीतकालीन सत्र में भी सभी विपक्षी दल एकजुट होकर केंद्र सरकार की घेराबंदी में जुट गए और इसके बाद बहस इस बात को लेकर शुरू हो गई कि आखिर भारत-चीन सीमा विवाद का जन्मदाता कौन है? क्या वर्तमान की मोदी सरकार है? क्या मनमोहन का नेतृत्व या भारत के प्रथम प्रधानमंत्री रहे पंडित नेहरू? जहां एक तरफ विपक्षी दलों ने एकता की नइया पर सवार होकर इसे मोदी सरकार की विफलता बताया, तो वहीं दूसरी तरफ  कुछ लोगों ने नेहरू सरकार की गलती बताया जिसका खामियाजा वर्तमान में मोदी सरकार को भुगतना पड़ रहा है।

India and china 1

ध्यान रहे कि पिछले दो सालों में कई मर्तबा चीनी सैनिकों की तरफ से भारत की निर्धारित सीमाओं का अतिक्रमण किया जा चुका है। हालांकि, उसे बार-बार मुंह की ही खानी पड़ी है, लेकिन जिस तरह चीन अपनी विस्तारवादी नीतियों को भारत के विरूद्ध थोपने की कोशिश कर रहा है, उसे लेकर बीते दिनों जिनपिंग प्रशासन को अपने ही लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा था।

india and china

इसकी एक वजह इस झड़प में उसके सैनिकों को होने वाला नुकसान भी माना जा रहा है। दरअसल, गलवान झड़प के दौरान भी उसके ही सैनिकों को अधिक नुकसान हुआ था। हालांकि, ये और बात है कि चीन अपने सैनिकों के मारे जाने की बात सार्वजनिक मंच पर उजागर नहीं करता है, लेकिन विश्व में कई ऐसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां हैं, जिन्होंने चीन के इस झूठ का पर्दाफाश किया, मगर इन सबके बीच जिस तरह भारत में सत्तारूढ़ दल और विपक्षी दलों के बीच सियासी संग्राम छिड़ा है, उसे लेकर सियासी पारा भी अपने चरम पर पहुंच चुका है। बहरहाल इस विवाद को लेकर जारी आरोप-प्रत्यारोप के बीच सवाल यह है कि आखिर इस विवाद का जन्मदाता कौन है? क्या इस विवाद को महज वर्तमान सरकार की विफलता बताना पर्याप्त रहेगा या जरूरी है कि अतीत के पन्नों में भी थोड़ा झांका जाए।

बता दें, जिस तरह से इस मसले को लेकर वर्तमान में मोदी बनाम नेहरू को लेकर जंग छिड़ी हुई है, उसे लेकर कांग्रेस नेता अजय कुमार ने ट्वीट कर कुछ तस्वीरें साझा कीं हैं, जिसमें परोक्ष तौर पर नेहरू पर ही सवाल उठा दिए गए हैं। आइए, आगे हम आपको कुछ तस्वीरें दिखाते हैं। वहीं, अब इन तस्वीरों पर आई लोगों की प्रतिक्रियाओं पर भी नजर दौड़ा लीजिए।