नई दिल्ली। कोरोना महासंकट के बीच हाल ही में केंद्र की मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्तों और पेंशनभोगियों के महंगाई राहत पर जुलाई 2021 तक रोक लगा दी है। केंद्र सरकार के इस फैसले पर अब पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह की प्रतिक्रिया सामने आई है।
बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने शनिवार को ट्विटर पर 2 मिनट 18 सेकंड का एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो संदेश में मनमोहन सिंह, पार्टी पूर्व प्रमुख राहुल गांधी, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और कई अन्य शीर्ष नेताओं ने सरकार के फैसले पर निशाना साधा।
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि सरकारी कर्मचारियों और सशस्त्र बलों पर इस समय ये कठोरता थोपने की आवश्यकता नहीं है।’
I sincerely believe it is not necessary at this stage to impose hardships on government servants and also on the armed forces people: Former PM Dr Manmohan Singh on Centre freezing Dearness Allowance & Dearness Relief hike till July 2021 (Source – AICC) pic.twitter.com/JK2MmF5Nj4
— ANI (@ANI) April 25, 2020
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, ‘मुझे परेशानी वहां दिख रही है कि लाखों करोड़ की बुलेट ट्रेन परियोजना और सेंट्रल विस्टा सौंदर्यीकरण परियोजना को रोकने के बजाय सरकार कोरोना से जूझकर जनता की सेवा करने वाले केंद्रीय कर्मचारियों, पेंशनर्स और देश के जवानों का महंगाई भत्ता (डीए) काट रही है। ये सरकार का असंवेदनशील तथा अमानवीय फैसला है। आप मिडिल क्लास से पैसा ले रहे हो लेकिन गरीबों को नहीं दे रहे हो और इसे सेंट्रल विस्टा पर खर्च कर रहे हो।’
वहींं पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भी केंद्र सरकार के इस फैसले की आलोचना करते हुए हमला बोला। पी चिदंबरम ने कहा कि सरकार को केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता काटने से पहले बुलेट ट्रेन, सेंट्रल विस्टा जैसी परियोजनाएं रोकनी चाहिए थी। कांग्रेस नेता वेणुगोपाल, रणदीप सिंह सुरजेवाला, मनीष तिवारी, सुप्रिया श्रीनाते, गौरव वल्लभ, रोहन गुप्ता और प्रवीण चक्रवर्ती ने भी सरकार के फैसले पर सवाल खड़े किए और तत्काल इसे वापस लेने की मांग की।
बता दें कि केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनधारियों के लिए महंगाई भत्ता बढ़ाने पर रोक लगा दी है। सरकार के इस फैसले का असर 54 लाख सरकारी कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों पर पड़ेगा। सरकार का यह फैसला कोरोना वायरस महामारी के चलते लिया गया है, जिसकी वजह से सरकारी राजस्व बुरी तरह प्रभावित हुआ है।