Rajasthan: चिंतन शिविर के चंद दिनों बाद शुरू हुई कांग्रेस की चिंता, राजस्थान युवा कांग्रेस अध्यक्ष ने छोड़ी पार्टी
Rajasthan: उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि परिस्थितियों की संजीदगी का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि मेरे द्वारा उठाए जा रहे तमाम मसलों को अनदेखा किया जा रहा है। मेरी किसी भी बात पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। विधायक ने यह खत किसी और के नाम नहीं, बल्कि अशोक गहलोत के नाम लिखा है।
नई दिल्ली। अगर आप खबरों के प्रति लालायित रहने वालों में से हैं, तो आपको याद ही होगा कि बीते दिनों राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस ने अपनी दुर्गति को दुरूस्त करने हेतु चिंतन शिविर का आयोजन किया था। जिसमें देशभर के कांग्रेसी नेताओं ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई थी। कांग्रेस आलाकमान की तरफ से बड़ी-बड़ी तकरीरें दी गई थी। बड़ी-बड़ी बातें कही गई थी। पार्टी के हालात को दुरूस्त करने के लिए राहुल गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक ने तकरीरों की दरिया बहा दी थी। लेकिन अफसोस इसका कुछ असर होता हुआ नहीं दिख रहा है। न ही कांग्रेसी नेताओं और न ही कांग्रेसी पदासीन नेताओं पर। जिससे एक बात तो साफ हो चुकी है कि अभी कांग्रेस को अपनी दुर्गति के साथ लंबा सफर तय करना होगा। आपको बता दें कि जिस राजस्थान की धरती पर कांग्रेस ने तीन दिनी चिंतन शिविर का आयोजन किया था, वहां से कांग्रेस को झटका देने वाली खबर सामने आई है।
डूंगरपुर से @INCIndia विधायक @GaneshGINC का इस्तीफ़ा .. कहा सत्तारूढ़ विधायक होने के बावजूद नही होती सुनवाई .मुख्यमंत्री को भेजा इस्तीफ़ा pic.twitter.com/FUR5jQDEND
— Manish Bhattacharya (INDIA TV)﮷ (@Manish_IndiaTV) May 18, 2022
जी हां…आपको बताते चलें कि डूंगपुर से कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा ने अपने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। इस संदर्भ में उन्होंने सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने खुद के विधायक पद से इस्तीफा देने की बात कही है। इसके साथ ही उन्होंने अपनी ही पार्टी के नेताओं पर आरोप लगाए हैं। जिसमें उन्होंने कहा कि वे लगातार अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को उठाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें पार्टी आलाकमान तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन उनके द्वारा उठाई गई किसी भी समस्या का निस्तारण करना तो दूर, बल्कि उसका संज्ञान भी नहीं लिया जा रहा है।
जिससे यह साफ जाहिर होता है कि वे पार्टी के मसले को लेकर किस कदर उदासीन हो चुके हैं। बता दें कि उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि परिस्थितियों की संजीदगी का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि मेरे द्वारा उठाए जा रहे तमाम मसलों को अनदेखा किया जा रहा है। मेरी किसी भी बात पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। विधायक ने यह खत किसी और के नाम नहीं, बल्कि सीएम अशोक गहलोत के नाम लिखा है।
गौरतलब है कि कांग्रेस विधायक गणेश विधायक होने के अलावा यूथ कांग्रेस विंग के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। अभी हाल ही में उन्हें यूथ कांग्रेस के पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। फिलहाल विधायक द्वारा लिखा गया यह पत्र काफी सुर्खियों में है और इसके साथ ही इस बात को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार एक बार फिर से गुलजार हो चुका है कि कांग्रेस आलाकमान द्वारा किए जा रहे तमाम प्रयासों के बावजूद भी पार्टी की दुर्गति में किसी भी प्रकार का सुधार नहीं देखा जा रहा है। ध्यान रहे कि तीन दिनी चिंतन शिविर में यूं तो पार्टी की स्थिति को दुरूस्त करने के लिए कई मसलों का जिक्र किया गया था, लेकिन अफसोस धरातल पर उन मुद्दों का तनिक भी असर नहीं दिख रहा है।