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3 मई के बाद पूरी छूट देने को लेकर राज्यों को सामने समस्या ही समस्या

आंध्र, तेलंगाना सहित कुछ और राज्य चाहते हैं कि छूट से ज्यादा स्वास्थ्य क्षमता को परखा जाए। इसमें पंजाब ने 31000 करोड़ रुपये के कर्ज का हवाला दिया है।

Madhya Pradesh, April 05 (ANI): Security personnel stops commuters during the nationwide lockdown amid Coronavirus pandemic, in Bhopal on Sunday. (ANI Photo)

नई दिल्ली। 3 मई को लॉकडाउन 2 खत्म हो रहा है, ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या 3 मई के बाद लॉकडाउन हटेगा या नहीं। इतना ही राज्यों के सामने भी समस्याओं का अंबार है कि वो 3 मई के बाद छूट दें या नहीं। बता दें कि राज्य पूरी छूट देने को लेकर खुद हिचकिचाहट में हैं।

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राज्यों को चिंता ये भी है कि लॉकडाउन की वजह से प्रभावित बड़ी आबादी को राहत कैसे पहुंचाए। राज्य केंद्र से हजारों करोड़ का पैकेज मांग रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, कई राज्य एग्जिट प्लान पर काम कर रहे हैं। पंजाब ने एग्जिट प्लान के लिए एक कमेटी बनाई थी। कमेटी ने कई तरह के सुझाव सरकार को दिए हैं।

राज्य सरकार की कमेटी ने कहा है कि पीडीएस सिस्टम को छह महीने के लिए यूनिवर्सल बना दिया जाए, जिनके पास राशन कार्ड नही है उन्हें भी राशन की सुविधा मिले। इसके लिए केंद्र से सहायता की मांग की गई है। ये भी मांग की गई है कि पीडीएस के तहत प्रति व्यक्ति आवंटन 50 फीसदी बढ़ाते हुए गर्भवती महिलाओं व बच्चो के पोषाहार को इसमें शामिल किया जाना चाहिए।

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कुछ राज्यों ने मिड डे मील बच्चों के घर पर उपलब्ध कराने का सुझाव दिया गया है। जिन्हें मनरेगा में काम नहीं मिल रहा है, बेरोजगारी भत्ता देने की मांग भी सामने आई है। आंध्र व तेलंगाना में केंद्रीय योजनाओं के तहत घर पर राशन, पोषाहार डिलीवरी को लेकर कई सुझाव दिए हैं।

कोरोना संकट के बीच कई राज्यो ने कहा है कि जैसे-जैसे ज्यादा गतिविधियों को इजाजत दी जाएगी टेस्टिंग बढ़ाने की भी जरूरत होगी। इसे देखते हुए राज्यों को ज्यादा संख्या में किट उपलब्ध कराई जानी चाहिए। जिससे टेस्टिंग, ट्रेसिंग और क्वारंटाइन का फॉर्मूला कायदे से अपनाया जा सके।

PM Narendra Modilockd

आंध्र, तेलंगाना सहित कुछ और राज्य चाहते हैं कि छूट से ज्यादा स्वास्थ्य क्षमता को परखा जाए। इसमें पंजाब ने 31000 करोड़ रुपये के कर्ज का हवाला दिया है। छतीसगढ़ ने 30 हजार करोड़ रुपये मांगे हैं। कृषि, निर्माण, उद्योग व सेवा छेत्र में हो रहे नुकसान का हवाला लगभग सभी सरकारों ने दिया है। पंजाब,यूपी, हरियाणा में हजारों करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान शराब बिक्री पर प्रतिबंध से बताया जा रहा है।