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हरियाणा : कोरोना संदिग्ध महिला का अंतिम संस्कार कराने पहुंची पुलिस पर ग्रामीणों ने किया पथराव

कोरोना की वजह से मौत होने के बाद अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को लेकर देशभर में कई जगह झगड़े देखने को मिल रहे हैं।

अंबाला। कोरोनावायरस की वजह से देशभर में 29000 के ऊपर लोग संक्रमित हैं। जिनमें से 934 के करीब लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन कोरोना की वजह से मौत होने के बाद अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को लेकर देशभर में कई जगह झगड़े देखने को मिल रहे हैं। ऐसा ही एक मामला अंबाला से सामने आया जहां तोपखाना इलाके की 80 साल की कोरोना संदिग्ध महिला की मौत के बाद अंतिम संस्कार करने 9 किलोमीटर दूर चंदपुरा गांव में पहुंची प्रशासन की टीम पर ग्रामीणों ने पथराव किया।

इलाके में हुई ये घटना सोमवार शाम की है। ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार करने से रोकने के लिए पुलिस, नगर परिषद और स्वास्थ्य विभाग की टीम पर हमला किया। एंबुलेंस के शीशे तोड़ दिए गए। प्रशासन का तर्क है कि कोरोना के संदिग्ध केसों का पूरी एहतियात के साथ अंतिम संस्कार के लिए कुछ श्मशान घाट तय किए गए हैं। चंदपुरा उन्हीं में से एक है। वहीं, महाराष्ट्र के औरंगाबाद में भी सामूहिक नमाज के लिए जा रहे 100 लोगों को रोकने गई पुलिस टीम पर भीड़ ने पथराव कर दिया।

प्रशासन के मुताबिक तोपखाना परेड इलाके की रहने वाली इस बुजुर्ग महिला को सांस संबंधी बीमारी थी। रविवार को उसे कैंट सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सोमवार सुबह मौत हो गई। कुछ दिनों से स्वास्थ्य विभाग ऐहतियातन शवों के भी सैंपल कोरोना टेस्ट के लिए भेज रहा है। बुजुर्ग महिला का भी सैंपल जांच के लिए भेजा गया, जिसकी रिपोर्ट आनी है। पहले स्वास्थ्य विभाग और नगर परिषद के कुछ लोग पीपीई किट पहनकर पुलिसकर्मियों और महिला के परिजनों के साथ शव लेकर गांव पहुंचे।

इस पर ग्रामीण विरोध करने लगे। वरिष्ठ अधिकारी और अन्य थानों का पुलिसबल भी पहुंचा। ग्रामीणों ने श्मशान में महिला का अंतिम संस्कार करने का विरोध किया, क्योंकि वह महिला गांव की नहीं थी। बातचीत तीखी नोंक-झोंक और पथराव में तब्दील हो गई। ग्रामीणों ने डंडों, ईंटों और पत्थर से पुलिस पर हमला कर दिया। पुलिस ने हवाई फायर और लाठीचार्ज कर ग्रामीणों को खदेड़ा।

कोरोना के बाद अंतिम संस्कार को लेकर हुए हंगामे का ये पहला मामला नहीं है। बल्कि इससे पहले भी हैदराबाद के एक न्यूरो सर्जन की कोविड-19 संक्रमण से मौत के बाद लोगों ने उसके शव को दफनाने वालों को खदेड़ दिया था।