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सीबीएसई ने 30 प्रतिशत सिलेबस में की कटौती तो शुरू हो गई राजनीति, अब HRD मंत्री ने दिया जवाब

सीबीएसई बोर्ड की ओर से जो संशोधित कोर्स सिलेबस अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया गया है उसके मुताबिक कई विषयों के पाठ्यक्रम में कटौती की गई है।

नई दिल्ली। कोरोना के कारण केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 2020-21 सत्र के लिए कक्षा 9 से 12 तक का पाठ्यक्रम 30 प्रतिशत घटा दिया है। सीबीएसई बोर्ड की ओर से जो संशोधित कोर्स सिलेबस अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया गया है उसके मुताबिक हाईस्कूल राजनीति विज्ञान से पाठ तीन लोकतंत्र एवं विविधता, पाठ चार लिंग, धर्म एवं जाति, पाठ पांच चर्चित संघर्ष एवं आंदोलन और पाठ आठ लोकतंत्र की चुनौतियां इस साल नहीं पढ़ाया जाएगा। वहीं कक्षा 12 समाजशास्त्र से भारतीय लोकतंत्र की कहानी, वैश्वीकरण एवं सामाजिक बदलाव एवं जनसंचार चार पाठ कम हुए हैं। लेकिन अब इस पूरे मामले पर राजनीति तेज हो गई है। ऐसे में सोशल मीडिया पर आकर मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने इस मामले में हो रही राजनीति का जमकर जवाब दिया है।

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किसी राजनीति पार्टी के प्रतिनिधी को सरकार के द्वारा पाठ्यक्रम में विशेष अध्याय या विषय की कटौती नागवार गुजर रही है तो किसी राजनीतिक दल के प्रतिनिधी को लग रहा है कि उनसे बिना सलाह लिए कैसे ये फैसला संस्था के द्वारा ले लिया गया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने ट्वीट में लिखा, “इस बात को जानकर हैरानी हुई है कि केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान सीबीएसई कोर्स कम करने के लिए नागरिकता, संघीयता, धर्मनिरपेक्षता और विभाजन को हटा दिया है। हम कड़ाई से इसका विरोध करते हैं और मानव संसाधन विकास मंत्रालय और भारत सरकार से यह अपील करते हैं कि इन महत्वपूर्ण विषयों को किसी भी कीमत पर नहीं हटाया जाना चाहिए।”

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दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने आगे कहा, “दिल्ली सरकार हमेशा से पाठ्यक्रम में कटौती की तरफदार रही है और मैंने कई मौकों पर कहा कि ज्यादा पाठ्यक्रम होने का मतलब यह नहीं है कि (छात्र) ज्यादा सीखेगा। मैं 2020-21 के शैक्षणिक सत्र में माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं के लिए पाठ्यक्रम को कम करने के सीबीएसई के फैसले का समर्थन करता हूं। मगर पठ्यक्रम में जिस तरह से कटौती की गई है, उसे लेकर मेरी आशंकाएं और चिंताएं हैं।”

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इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने भी यह मुद्दा उठाया था। थरूर ने अपने ट्वीट में शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को टैग करते हुए लिखा कि मैं पहले मंत्री को सीबीएसई का सिलेबस घटाने के लिए बधाई देने वाला था। लेकिन फिर मैंने देखा कि इन लोगों ने क्या हटाया है। कांग्रेस नेता ने लिखा कि जिन्होंने ये बदलाव किए हैं उनकी मंशा पर सवाल खड़े होते हैं। क्या उन्होंने ये तय कर लिया है कि लोकतंत्र, सेक्युलरिज्म जैसे मुद्दे भविष्य के नागरिकों के लिए जरूरी नहीं हैं? मैं सरकार से अपील करता हूं कि इस तरह के फैसले पर दोबारा विचार करे।

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इसके बाद इस पर जारी राजनीति के बीच रमेश पोखरियाल निशंक खुद सामने आए और कहा कि इस मामले को राजनीति से दूर रखना चाहिए था। उन्होंने लिखा कि #CBSESyllabus से कुछ विषयों में बदलाव को लेकर बहुत सारी असंसदीय टिप्पणी की गई है। इन टिप्पणियों के साथ समस्या यह है कि ये झूठे बयान है जिसके जरिए एक तरह से चुनिंदा विषयों को जोड़कर सनसनीखेज बनाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने साफ कर दिया कि ऐसा केवल इस साल के सिलेबस के साथ किया गया है जबकि आनेवाले वर्ष में ये सभी विषय पाठ्यक्रम का हिस्सा होंगे। जबकि इस साल कोविड-19 की वजह से उपजे हालात में सिलेबस में यह कटौती की गई है।

निशंक ने आगे लिखा कि हमारा सभी से यह हाथ जोड़कर विनम्र निवेदन है कि शिक्षा हमारे बच्चों के प्रति हमारा पवित्र कर्तव्य है। तो आइए हम शिक्षा से राजनीति को बाहर करें और अपनी राजनीति को और अधिक शिक्षित बनाएं।

कक्षा 9 से 10 के क्या कम किया

10वीं की भूगोल से वन्य एवं वन्य जीवन समेत तीन पाठ और इतिहास से भी दो पाठ हटाए गए हैं। कक्षा 9 सामाजिक विज्ञान से जनसंख्या, लोकतांत्रिक अधिकार, भारत में खाद्य सुरक्षा आदि चैप्टर को हटाया गया है।

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10वीं गणित से त्रिकोण का क्षेत्रफल समेत कई टॉपिक जबकि 9वीं से क्षेत्रफल का पूरा चैप्टर हटाया गया है। 9 व 10 की अंग्रेजी ग्रामर से पैसिव वॉयस के इस्तेमाल, प्रीपोजिशन आदि और लिटरेचर से पांच-पांच पाठ कम किए गए है। कक्षा 9 व 10 कम्प्यूटर एप्लीकेशन विषय से यूनिट चार स्क्रैच को हटा दिया गया है।

कक्षा 11 एवं 12 में क्या नहीं पढ़ना है

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कक्षा 11 राजनीति विज्ञान से नागरिकता, राष्ट्रवाद एवं धर्मनिरपेक्षता, भारत में स्थानीय निकाय का विकास आदि जबकि 12वीं से समकालीन विश्व में सुरक्षा, पर्यावरण एवं प्राकृतिक संसाधन, भारत के पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार से संबंध समेत अन्य दो पाठक हटा गए हैं। 11 भौतिक विज्ञान से भौतिक संसार, गति का सिद्धांत, गुरुत्वाकर्षण आदि को जबकि 12वीं मैग्नेटिज्म एवं मैटर समेत अन्य कई टॉपिक शामिल नहीं किए गए हैं। इसके अलावा गणित, अंग्रेजी, जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, इतिहास आदि सभी विषयों का कोर्स कम हुआ है।