newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

कोरोनावायरस और मलेरिया का क्या है सम्बंध, क्या कहते हैं डॉक्टर्स

भारत के कुछ राज्यों में कोरोना का असर बेहद कम नजर आया है जिनमें बिहार, ओडिशा और झारखंड का शामिल हैं।

नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोनावायरस का स्तर भारत में दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। कोरोनावायरस के खतरे को देखते हुए भारत सरकार ने लॉकडाउन को आगे बढ़ा दिया है। लेकिन इसके बावजूद भी हर दिन हजारों की संख्या में नए मामले सामने आ रहे हैं। लेकिन सिर्फ भारत ही नहीं,कोरोना की वजह से तो बड़े-बड़े संपन्न देश भी आज के समय में बेहद ज्यादा परेशान हैं।

France Corona Case

दुनियाभर में की गई तमाम कोशिशों के बावजूद इस महामारी पर काबू नहीं पाया जा सका है। अमेरिका, इटली, स्पेन, ब्रिटेन जैसे देशों में मौत के बढ़ते आंकड़ों को देख हर कोई सकते में है। लेकिन इन सबके बीच भारत के लिए राहत की खबर है कि वहां की तुलना में भारत में कोरोना की रफ्तार अभी कम है। इस मामले में डॉक्टरों ने अबतक भारत के उठाए कदम की सराहना की है। इसी कड़ी में सेंट माइकल अस्पताल शंघाई के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. संजीव चौबे ने कहा कि भारत के साथ कुछ फैक्टर है, जिस वजह से कोरोना कुछ इलाकों में तेजी से नहीं फैल रहा है।

बता दें भारत के कुछ राज्यों में कोरोना का असर बेहद कम नजर आया है जिनमें बिहार, ओडिशा और झारखंड का शामिल हैं। डॉक्टर संजीव चौबे के मुताबिक ‘जिन इलाकों में मलेरिया के मामले ज्यादा सामने आते हैं, वहां कोरोना का असर कम हो रहा है डॉ. संजीव चौबे की मानें तो इस बात का गवाह आंकड़े हैं, जो कोई भी देख सकता है। इन राज्यों में मलेरिया का ज्यादा प्रसार रहता है। यही नहीं, दुनिया के उन देशों में कोरोना का फैलाव कम रहा है, जहां मलेरिया आम बीमारी है।

delhi doctor

डॉक्टर संजीव चौबे के मुताबिक हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का चीन में प्रयोग किया जा रहा है। लेकिन जो मरीज वेंटिलेटर पर होता है। उस पर इस दवा का कम असर देखने को मिलता है। इसलिए यही कहना सही होगा कि हमारे पास अबतक कोरोना का कोई सटीक इलाज मौजूद नहीं है।