नई दिल्ली। देश में जहां एक ओर ट्रांसजेंडर को समानता का अधिकार दिलाने के लिए नए-नए कानून लाए जा रहे हैं। वहीं, उन अधिकारों का प्रयोग करते हुए इस समुदाय के लोग बड़े-बड़े पदों पर आसीन हो रहे हैं और देश का नाम रोशन कर रहे हैं। देश के विकास की इसी मुहिम को आगे बढ़ाते हुए एडम हैरी भारत के पहले ट्रांसजेंडर बन गए हैं। लेकिन अभी भी उन्हें इस बात की भी फिक्र है कि विमान उड़ाने का उनका सपना पूरा भी हो पाएगा या नहीं। 23 वर्षीय एडम को ये चिंता इसलिए सता रही है कि क्योंकि, नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) का कहना है कि ‘जो व्यक्ति हार्मोनल थेरेपी (महिला से पुरुष बनने की थेरेपी) ले रहा है, उसे विमान उड़ाने का काम नहीं दिया जा सकता।’ हालांकि, डीजीसीए का ये भी कहना है कि ट्रांसजेंडरों के पायलट बनने पर किसी तरह की पाबंदी नहीं है। उन्होने हैरी से केवल इतना कहा है कि ‘कॉमर्शियल पायलट का लाइसेंस प्राप्त करने के लिए उन्हें मेडिकल टेस्ट के लिए दोबारा आवेदन करना होगा। इस समय हैरी के पास प्राइवेट पायलट का लाइसेंस है।’ लेकिन वहीं, दूसरी ओर हैरी का कहना है कि डीजीसीए की बात थोड़ी भ्रमित करने वाली है, क्योंकि उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि जो ‘व्यक्ति ‘हार्मोनल रिप्लेसमेंट थेरेपी’ ले रहा है, उसे विमान उड़ाने की इजाजत नहीं दी जा सकती।’
इसके लिए डीजीसीए अधिकारियों ने जब हैरी से हार्मोनल थेरेपी लेनी बंद करने के लिए कहा तो हैरी ने ट्रेनिंग स्कूल में एडमिशन लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका जाने का निर्णय ले लिया। हैरी के अनुसार, ‘ट्रांसजेंडरों को जीवनभर हार्मोनल थेरेपी लेनी होती है। इसे किसी भी तरह से रोका नहीं जा सकता है। जबकि भारत में अधिकारियों का कहना है कि अगर लाइसेंस पाना है तो इसके लिए हार्मोनल थेरेपी लेना बंद करना होगा। गौरतलब है, कि साल 2019 में हैरी ने ‘राजीव गांधी एकेडमी ऑफ एविएशन टेक्नोलॉजी’ में एडमिशन लिया था, जिसमें राज्य सरकार ने उनकी मदद की थी। लेकिन डीजीसीए ने मेडिकल परीक्षण करने के बाद उन्हें मेडिकल प्रमाणपत्र देने से मना कर दिया। लेकिन उन्हें इस बात की खुशी भी है कि ‘भारत में ट्रांसजेंडरों के पायलट बनने पर कोई पाबंदी नहीं है, लेकिन इसे साफ नहीं किया गया है। इसमें कुछ बातें थोड़ी भ्रमित करने वाली भी हैं।’
बता दें, हैरी एक पुरुष के रूप में कॉमर्शियल पायलट के तौर पर भारत में विमान उड़ाना चाहते हैं, जिसके लिए वो लड़ रहे हैं। केरल की उच्च शिक्षा मंत्री आर.बिंदू ने इस विषय पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ‘एडम एक बड़ी त्रासदी का सामना कर रहे हैं। ट्रांसजेंडरों की सहायता के लिए अभी जो व्यवस्था मौजूद है, वो पर्याप्त नहीं है।’