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UP: ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे न हो पाने पर आज सुनवाई करेगा कोर्ट, हिंदुओं के मुताबिक मुस्लिम पक्ष डाल रहा अड़ंगा

सोहनलाल के मुताबिक मुस्लिम पक्ष के लोग मस्जिद के दरवाजे को रोककर दोनों दिन खड़े हो गए थे। वहीं, मुस्लिम पक्ष की ओर से कहा गया है कि हम सर्वे में शामिल नहीं हो रहे। इस वजह से ये नहीं हो सका। बता दें कि आज तक सर्वे का काम रोका गया है।

वाराणसी। यूपी के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के मसले पर आज सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर के कोर्ट में सुनवाई होगी। कोर्ट ने 10 मई तक सर्वे करने का आदेश दिया था, लेकिन हिंदू पक्ष के मुताबिक मस्जिद की इंतजामिया कमेटी और वकीलों ने कोर्ट कमिश्नर और टीम को सर्वे करने से रोका। कोर्ट में सर्वे कमिश्नर अजय कुमार मिश्र अपनी रिपोर्ट भी सौंपेंगे। अजय पर मुस्लिम पक्ष ने पक्षपात के आरोप लगाए हैं। हिंदू पक्ष के वकील सोहनलाल आर्य के मुताबिक कोर्ट ने सर्वे के तरीके पर स्पष्ट आदेश दिया था, लेकिन उसका पालन नहीं किया गया। सर्वे के लिए कमिश्नर और टीम को मस्जिद के भीतर नहीं जाने दिया गया।

gyanvapi mosque 1

सोहनलाल के मुताबिक मुस्लिम पक्ष के लोग मस्जिद के दरवाजे को रोककर दोनों दिन खड़े हो गए थे। वहीं, मुस्लिम पक्ष की ओर से कहा गया है कि हम सर्वे में शामिल नहीं हो रहे। इस वजह से ये नहीं हो सका। बता दें कि आज तक सर्वे का काम रोका गया है। दोनों दिन मस्जिद के बाहर बड़ी तादाद में सुरक्षाबल लगाए गए थे। बावजूद इसके यहां बाहर एक पक्ष की तरफ से नारेबाजी और अड़ंगा डालने का काम किया जाता रहा था। धार्मिक उन्माद फैलाने के मामले में पुलिस ने चंदौली के मोहम्मद अब्दुल सलाम को गिरफ्तार भी किया था। इसके अलावा कई अज्ञात की तलाश भी पुलिस कर रही है।

Gyanvapi Mosque (Great Mosque of Auran Aurangzeb), Varanasi (Benares), Uttar Pradesh, India

हिंदू पक्ष का कहना है कि ज्ञानवापी मस्जिद को प्राचीन विश्वेश्वर मंदिर को तोड़कर बनाया गया। उसका कहना है कि मस्जिद के नीचे तहखाने में आदि विश्वेश्वर का शिवलिंग और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं। हिंदू पक्ष के मुताबिक औरंगजेब के वक्त मंदिर को ढहाकर मस्जिद बनाई गई। वहीं, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि 1991 में बने पूजास्थल संबंधी कानून के तहत सर्वे का काम नहीं किया जा सकता। इस कानून में कहा गया था कि 1947 में जो भी पूजास्थल जिस रूप में थे, उन्हें बदला नहीं जा सकता। कानून के तहत सिर्फ अयोध्या में राममंदिर के विवाद को बाहर रखा गया था।