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UP: ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे में आज आ सकता है अहम आदेश, मथुरा के कृष्ण जन्मस्थान मामले में जुलाई में सुनवाई

अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है। अब लोगों की निगाह पिछले कुछ दिनों से गर्माए वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा की शाही मस्जिद की तरफ है। इसकी वजह ये है कि दोनों ही पर हिंदू पक्ष अपना दावा कर रहा है।

वाराणसी/मथुरा। अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है। अब लोगों की निगाह पिछले कुछ दिनों से गर्माए वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा की शाही मस्जिद की तरफ है। इसकी वजह ये है कि दोनों ही पर हिंदू पक्ष अपना दावा कर रहा है। वाराणसी में तो स्थानीय कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का आदेश भी दे दिया। हालांकि, सर्वे पूरा हो नहीं सका। आज कोर्ट में जितना सर्वे हुआ, उसकी रिपोर्ट पेश की जा सकती है। साथ ही सर्वे के लिए जिम्मेदार कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्र को बदलने की मुस्लिम पक्ष की मांग भी फैसला हो सकता है। बात मथुरा की करें, तो वहां भी हिंदू पक्ष ने शाही मस्जिद के सर्वे की मांग की है। इस पर 1 जुलाई को सुनवाई होगी। मथुरा की शाही मस्जिद के सर्वे की मांग में दावा किया गया है कि कृष्ण जन्मस्थान पर बने केशवदेव मंदिर को तोड़कर मुगल बादशाह औरंगजेब ने इसे बनवाया था।

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कृष्ण जन्मस्थान पर सर्वे होगा या नहीं, ये अभी दूर की बात है। फिलहाल वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्ष कोर्ट में आमने-सामने हैं। हिंदू पक्ष के वकील कह रहे हैं कि कोर्ट कमिश्नर को मुस्लिम पक्ष मस्जिद के भीतर घुसने नहीं दे रहा है। वहीं, मुस्लिम पक्ष कह रहा है कि हिंदू पक्ष के सारे दावे गलत और कानून के खिलाफ हैं। ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामिया कमेटी के वकील ने कोर्ट में कहा कि आराजी नंबर 9130 का कमीशन कार्यवाही में जिक्र है, लेकिन क्षेत्रफल, मौजा, चौहद्दी का जिक्र कोर्ट के आदेश में नहीं है। साथ ही उनका कहना था कि केस दाखिल करने वालों ने पांच कोस जमीन और आदि विश्वेश्वर मूर्ति का वर्णन किया है। ऐसे में कमीशन कहां तक कार्यवाही करेगा, ये भी तय नहीं है। साथ ही मौके पर उपलब्ध वस्तुओं को उंगली से खुरचने का भी हिंदू पक्ष ने खंडन नहीं किया है।

gyanvapi mosque

उधर, वादी पक्ष यानी हिंदुओं का कहना है कि मस्जिद में श्रृंगार गौरी की प्रतिमा है। इसके अलावा और साक्ष्य हैं। इससे साफ है कि ज्ञानवापी मस्जिद को आदि विश्वेश्वर मंदिर को तोड़कर बनाया गया। हिंदू पक्ष का ये भी कहना है कि विशाल नंदी का मुंह मस्जिद की तरफ है। मस्जिद के पीछे तोड़े गए मंदिर की दीवार भी दिखती है। साथ ही उनका दावा है कि मस्जिद के नीचे प्राचीन मंदिर के तहखाने हैं। उनमें भी मूर्तियां रखी हैं।