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Varanasi: ज्ञानवापी मामले में नए केस पर आज सुनवाई, शिवलिंग जैसी आकृति के अपमान पर केस दर्ज करने की अपील

उधर, विश्व वैदिक सनातन संघ के चीफ जीतेंद्र सिंह बिसेन ने ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे के वीडियो और फोटो लीक होने के मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग सरकारों से की है। उन्होंने इस बारे में केंद्र और यूपी सरकार को चिट्ठी भेजी है। चिट्ठी में बिसेन ने लिखा है कि इसका खुलासा होने की जरूरत है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और सांप्रदायिक सद्भाव को खतरे में डालने की कोशिश करने वाले तत्व कौन हैं।

वाराणसी। यूपी के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के मामले में कोर्ट में एक और नई र्जी दी गई है। इस अर्जी पर आज सुनवाई होगी। ये अर्जी शुक्रवार को स्पेशल सीजेएम के कोर्ट में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन और अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग के साथ दी गई है। वकील राजा आनंद ज्योति सिंह ने ये अर्जी कोर्ट में दी है। अर्जी की पोषणीयता यानी सुनने योग्य है या नहीं पर कोर्ट आज फैसला करेगा। नई अर्जी में कहा गया है कि सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत केस दर्ज किया जाए। अर्जी देने वाले का कहना है कि ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग होने की जानकारी के बाद भी हाथ-पैर धोया जाता रहा। इससे हिंदुओं की धार्मिक भावना आहत हुई है।

shivling gyanvapi masjid

अर्जी में कहा गया है कि इस बारे में वाराणसी पुलिस के बड़े अफसरों को जानकारी भी दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई अब तक नहीं हुई है। उधर, विश्व वैदिक सनातन संघ के चीफ जीतेंद्र सिंह बिसेन ने ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे के वीडियो और फोटो लीक होने के मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग सरकारों से की है। उन्होंने इस बारे में केंद्र और यूपी सरकार को चिट्ठी भेजी है। ये चिट्ठी 7 पेज की है। इस चिट्ठी में बिसेन ने लिखा है कि इसका खुलासा होने की जरूरत है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और सांप्रदायिक सद्भाव को खतरे में डालने की कोशिश करने वाले तत्व कौन हैं। उनका कहना है कि गंभीर साजिश के तहत ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के फोटो और वीडियो लीक किए गए। इसलिए वह जांच चाहते हैं। बिसेन ने आग्रह किया है कि उनको भी जांच के दायरे में रखा जाए।

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बता दें कि इससे पहले कोर्ट ने अंडरटेकिंग लेकर हिंदू पक्ष को सीलबंद लिफाफे में सर्वे के फोटो और वीडियो दिए थे। कोर्ट ने कहा था कि बगैर उसकी इजाजत के ये किसी और को नहीं दिखाए जा सकते, लेकिन कोर्ट की ओर से फोटो और वीडियो दिए जाने की कुछ देर बाद ही तमाम न्यूज चैनल और सोशल मीडिया पर ये लीक हो गए। वहीं, हिंदू पक्ष ने अपने पास मौजूद लिफाफे मीडिया को दिखाते हुए दावा किया था कि उनमें लगी सील तोड़ी तक नहीं गई है। दूसरे दिन उन्होंने कोर्ट को फोटो और वीडियो वापस करने की कोशिश की, लेकिन कोर्ट ने इन्हें लेने से इनकार कर दिया था।