नई दिल्ली। हिन्दु धर्म में जहां मरने के बाद शव को जलाने का तो वहीं मुस्लिम समुदाय में दफनाने का रिवाज होता है लेकिन शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी (Waseem Rizvi) ने ऐलान किया है कि मरने के बाद उनके शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा। अब इसके पीछे के कारण की बात की जाए तो बता दें, वसीम रिजवी ने ही खुद के अंतिम संस्कार का फैसला लिया है उन्होंने इसके लिए वसीयतनामा भी तैयार कर लिया है।
रिजवी ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि मरने के बाद उनके शव को दफनाने की बजाय हिंदू दोस्तों को सौंप दिया जाए और उनका अंतिम संस्कार किया जाए। रिजवी ने कहा है कि जब उनका अंतिम संस्कार किया जाए तो डासना मंदिर के महंत नरसिम्हा नंद सरस्वबती उनकी चिता को अग्नि दें। रिजवी ने इसके पीछे कारण देते हुए आरोप लगाया कि मुसलमान उनकी हत्या और गर्दन काटने की साजिश रच रहे हैं।
अपने वीडियो में वसीम रिजवी ने कहा, “हिंदुस्तान और हिंदुस्तान के बाहर मेरी हत्या करने और गर्दन काटने की साजिश रची जा रही है। मुझ पर इनाम रखे जा रहे हैं. मेरा गुनाह इतना है कि मैंने 26 आयतों को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया था, जो इंसानियत के प्रति नफरत फैलाती है। अब मुसलमान मुझे मार देना चाहते हैं और ये ऐलान किया है कि मुझे किसी कब्रिस्तान में कोई जगह नहीं देंगे।”
शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिज़वी का बड़ा एलान, हिंदू रीति रिवाज़ से कराएंगे अपना अंतिम संस्कार.. pic.twitter.com/h7R1w4wbXC
— Newsroom Post (@NewsroomPostCom) November 14, 2021
उन्होंने आगे कहा, “मेरे मरने के बाद शांति बनी रहे, इसलिए मैंने एक वसीयतनामा लिखा है कि जो मेरा शरीर है, वो मेरे हिंदू दोस्त हैं, उनको लखनऊ में दे दिया जाए और चिता बनाकर मेरा अंतिम संस्कार कर दिया जाए। और चिता में अग्नि हमारे यति नरसिम्हाच नंद सरस्वाती जी देंगे, मैंने उनको अधिकृत किया है।”
आपको बता दें, कुरान से 26 आयतें हटाने की मांग को लेकर वसीम रिजवी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की ओर से याचिका खारिज हो गई थी लेकिन इसके बाद से ही रिजवी मुस्लिम संगठनों और मुस्लिम समुदायों के निशाने पर हैं। मुस्लिम संगठनों की ओर से उनकी गिरफ्तारी की भी मांग कि जा रही है। इतना ही नहीं, मुस्लिम संगठनों का ये भी कहना है कि रिजवी का इस्लाम और शिया समुदाय से कोई लेना-देना नहीं है।