
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आज वोटिंग हो रही है। दिल्ली विधानसभा में 70 सीट हैं और बहुमत का आंकड़ा 36 का है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोटरों ने किस पार्टी को सरकार बनाने के लिए बहुमत दिया, इसका पता तो 8 फरवरी को वोटों की गिनती के बाद ही पता चलेगा, लेकिन आज शाम 5 बजे दिल्ली विधानसभा चुनाव के एक्जिट पोल तमाम न्यूज चैनल दिखाने वाले हैं। दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने वोटिंग से एक दिन पहले मंगलवार को दावा किया कि उनकी पार्टी को 55 सीट मिलेगी और फिर एक बार सरकार बनेगी।
#WATCH | #DelhiElection2025 | People arrive at the polling booth set up at Sarvodaya Kanya Vidyalaya, Batla House near Okhla to cast their vote. pic.twitter.com/xxTKetT7TE
— ANI (@ANI) February 5, 2025
अगर पहले के चुनाव की बात करें, तो 2013 में अरविंद केजरीवाल की पार्टी को बहुमत नहीं मिल सका था। तब उन्होंने कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। इस सरकार का पतन जल्दी ही हो गया था। वहीं, 2015 और 2020 में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने जबरदस्त बहुमत से दिल्ली विधानसभा का चुनाव जीता था। 2015 में आम आदमी पार्टी ने 67 सीटें जीती थीं। तब बीजेपी को 3 सीट पर जीत हासिल हुई थी। जबकि, 2020 में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने 62 सीट पर जीत हासिल की थी और बीजेपी को 8 सीट मिली थी। दिल्ली विधानसभा के चुनाव में बीते 2 बार से कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिल सकी है। इस बार कांग्रेस ने कोशिश की कि अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी से दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए उसका गठबंधन हो जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
#WATCH | Drone visuals from Neb Sarai in Delhi South District area where voting for #DelhiAssemblyElection2025 is underway.
(Source: Delhi Police) pic.twitter.com/KC4i6qfnS3
— ANI (@ANI) February 5, 2025
अरविंद केजरीवाल से गठबंधन न होने के कारण कांग्रेस मैदान में उतरी और अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर भ्रष्टाचार और अन्य मुद्दों को लेकर तेज हमला बोला। बीजेपी ने भी यमुना नदी के गंदा होने, शराब घोटाला, स्कूल के क्लासरूम बनाने में घोटाला, राशन घोटाला और शीशमहल का मुद्दा उठाकर अरविंद केजरीवाल को घेरा। अब सबकी नजर दिल्ली विधानसभा चुनाव के एक्जिट पोल पर है। जिससे अंदाज लग सकता है कि वोट किस तरफ गए हैं। हालांकि, एक्जिट पोल कई बार गलत भी साबित हुए हैं, लेकिन हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ज्यादातर एक्जिट पोल सही रहे थे।