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पिंजरा तोड़ कार्यकर्ता देवांगना कालिता को दिल्ली हाईकोर्ट से मिली जमानत

इस साल की शुरूआत में पूर्वोत्तर दिल्ली (Delhi) में हुए दंगों और हिंसा से जुड़े एक मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने मंगलवार को पिंजरा तोड़ (Pinjratod) की कार्यकर्ता देवांगना कालिता (Devangana Kalita) को जमानत दे दी।

नई दिल्ली। इस साल की शुरूआत में पूर्वोत्तर दिल्ली (Delhi) में हुए दंगों और हिंसा से जुड़े एक मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने मंगलवार को पिंजरा तोड़ (Pinjratod) की कार्यकर्ता देवांगना कालिता (Devangana Kalita) को जमानत दे दी। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत (Justice Suresh Kumar Kait) की अध्यक्षता वाली एकल न्यायाधीश पीठ ने कहा, “उसने गिरफ्तारी से बचने की या अग्रिम जमानत दायर करने की कोशिश नहीं की, क्योंकि उसके पास यह विश्वास करने का कोई कारण नहीं था कि उसे हिरासत में लिए जाएगा। याचिकाकर्ता एक छात्र है और अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही है। उसके न्याय से भागने की कोई संभावना नहीं है।”

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कालिता ने ट्रायल कोर्ट द्वारा उसकी जमानत की अर्जी खारिज करने पर उसे चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर अदालत सुनवाई कर रही थी। अदालत ने यह भी पाया कि कालिता को सीआरपी की धारा 41 ए के तहत बिना किसी नोटिस के गिरफ्तार किया गया था। जबकि उसने दिल्ली पुलिस को जांच में पूरा सहयोग किया था।

पीठ ने यह भी उल्लेख किया कि विरोध प्रदर्शन में याचिकाकर्ता की भागीदारी के संबंध में मिले सबूत सवाल के घेरे में हैं। कोर्ट ने कहा, “तीसरे परीक्षण के बारे में कहें तो याचिकाकर्ता गवाहों को प्रभावित करने की स्थिति में नहीं है।”

इन टिप्पणियों के बाद अदालत ने कालिता को ट्रायल कोर्ट की संतुष्टि के लिए 25 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी। हालांकि पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ट्रायल कोर्ट की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ेगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार, वर्तमान मामले में कलिता की भूमिका मुख्य साजिशकर्ता के रूप में सामने आई है। जिसके तहत वह सांप्रदायिक हिंसा को भड़काने और लोगों के एक वर्ग को दंगा भड़काने के इरादे से तैयार कर रही थीं और उन्हें उकसा रही थीं।

Devangana Kalita

बता दें कि याचिकाकर्ता और एक अन्य सदस्य नताशा नरवाल (Natasha Narwal) को मई में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा द्वारा गिरफ्तार किया गया था और उन पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसमें दंगा, गैरकानूनी विधानसभा और हत्या का प्रयास शामिल था। इसके अलावा इन दोनों महिलाओं पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की कठोर धाराओं के तहत सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित एक अलग मामला भी दर्ज किया गया था।

natasha narwal

उत्तर-पूर्व दिल्ली के जाफराबाद से संबंधित एंटी-सीएए विरोध मामले में कलिता को 23 मार्च को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उसके बाद जमानत दे दी गई थी। लेकिन जमानत मिलने के तुरंत बाद उसे दिल्ली पुलिस ने 24 मार्च को एक अन्य मामले में गिरफ्तार कर लिया और तब से ही वह न्यायिक हिरासत में थीं।पुलिस ने कहा कि नरवाल और कालिता दिल्ली के जाफराबाद मेट्रो स्टेशन (Jafrabad Metro Station) के पास दंगे की साजिश रचने में सक्रिय थीं।