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एलजी अनिल बैजल की मंजूरी के बाद अब दिल्ली मेट्रो के परिचालन का रास्ता हुआ साफ

कोरोना संक्रमण(Corona) से बचाव और मेट्रो के सुरक्षित संचालन के लिए दिल्‍ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) (Delhi Metro)और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने शहरी विकास मंत्रालय के साथ मिलकर एसओपी तैयार की है।

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामले एक बार फिर से तेजी के साथ बढ़ रहे हैं। ऐसे में दिल्ली में 7 सितंबर को शुरू होने वाली मेट्रो को लेकर सवाल खड़े हुए हैं। फिलहाल इस संशय को दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अपनी मंजूरी देकर दूर कर दिया है।

Arvind Kejriwal and Anil baijal

बता दें कि बुधवार को दिल्ली के उपराज्यपाल निवास पर डीडीएमए की बैठक हुई, जिसमें अनलॉक 4 (Unlock 4.0) की गाइडलाइन्स को लेकर विचार-विमर्श किया गया। तकरीबन सवा घंटे तक चली बैठक में उपराज्‍यपाल अनिल बैजल ने सीएम अरविंद केजरीवाल के मेट्रो चलाने के प्रस्‍ताव को स्‍वीकार कर लिया है। दिल्‍ली में अब मेट्रो ट्रेनों का परिचालन केंद्र की ओर से तय गाइडलाइंस के अनुसार किया जा सकेगा बता दें कि दिल्ली में कोरोना (Corona) के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं। सोमवार को फिर 1358 नए मामले सामने आए।

Delhi_Metro

जानकारी के अनुसार उपराज्यपाल की अध्यक्षता में हो रही बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, हेल्थ मिनिस्टर सत्येन्द्र जैन, मुख्य सचिव विजय देव समेत तमाम अधिकारी मौजूद रहे। बता दें कि डीडीएमए की बैठक ऐसे समय हुई है, जब दिल्ली में बढ़ते मामलों के बाद नई गाइडलाइन्स में कई मुद्दों पर पेच फंसा है। सबसे बड़ा मामला दिल्‍ली मेट्रो के परिचालन को लेकर था, जिसे एलजी की ओर मंजूरी मिल गई है।

metro

वहीं कोरोना संक्रमण से बचाव और मेट्रो के सुरक्षित संचालन के लिए दिल्‍ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने शहरी विकास मंत्रालय के साथ मिलकर एसओपी तैयार की है। इसमें सबसे अहम फैसले क्राउड मैनेजमेंट को लेकर लिए गए हैं। दरअसल, मेट्रो के परिचालन में अब तक सबसे बड़ी बाधा यात्रियों की भारी भीड़ ही रही है। सभी को डर था कि मेट्रो में यात्रियों की भारी भीड़ कोरोना संक्रमण के प्रसार का कारण न बन जाए। अब इस बाधा को दूर करने के लिए डीएमआरसी और सीआईएसएफ ने मिलकर एक प्‍लान तैयार किया है। मालूम हो कि कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर दिल्‍ली प्रशासन सजग हो गया था। ऐसे में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को पूरी सुरक्षा के साथ चलाना एक बड़ी चुनौती है।