सीएए पर विपक्षी एकता को बड़ा झटका, ममता-मायावती के बाद अब इस पार्टी ने किया सोनिया की बैठक से किनारा
हालांकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने बैठक में शामिल होने से इंकार कर दिया है। इनके अलावा उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने भी बैठक में शामिल होने की पुष्टि नहीं की है।
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ देशभर में प्रदर्शनों के बीच साझा रणनीति बनाने के लिए कांग्रेस ने समान विचारधारा वाली सभी पार्टियों को सोमवार को एक बैठक के लिए आमंत्रित किया है। सीएए के खिलाफ एक संयुक्त रणनीति बनाने के लिए और छात्रों के खिलाफ पुलिस की कथित बर्बरता के विरोध में सभी विपक्षी दल आज दोपहर दो बजे संसद उपभवन में बैठक करेंगे। कांग्रेस ने समान विचारधारा की सभी पार्टियों को एक साझा मंच पर आने का आमंत्रण भेजा है।
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (एनआरसी) का विरोध कर रही विपक्ष को एक और झटका लगा है। आज दिल्ली में होने वाली इस बैठक में अब आम आदमी पार्टी भी शामिल नहीं होगी।
Delhi: Aam Aadmi Party (AAP) will not attend today’s opposition meeting called by Congress to discuss the current political situation in the country. pic.twitter.com/QlGsS6S9aG
— ANI (@ANI) January 13, 2020
इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने बैठक में शामिल होने से इंकार कर दिया है। इनके अलावा उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने भी बैठक में शामिल होने की पुष्टि नहीं की है। सूत्रों के मुताबिक, बीएसपी विपक्षी दलों की इस बैठक में शायद अपना कोई प्रतिनिधि भी नहीं भेजेगी। अब आम आदमी पार्टी ने भी इस बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है।
आपको बता दें कि बीते कुछ महीनों में विभिन्न कारणों से दोनों पार्टियों के रिश्तों में खटास आई है। हाल ही में राजस्थान में बच्चों की मौत को लेकर मायावती ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पर निशाना साधा था। वहीं, टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी पहले ही इस बैठक में आने से स्पष्ट इंकार कर चुकी हैं।
कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि सभी विपक्षी राजनीतिक दल इस बैठक में शामिल होंगे। समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के नए गठबंधन साझेदार शिवसेना बैठक में शामिल हो सकते हैं। कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) ने पहले ही सीएए और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को वापस लेने की मांग की है। सीडब्ल्यूसी के इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करते ही कांग्रेस शासित राज्य इस संकल्प को अपना सकते हैं।
सीडब्ल्यूसी ने शनिवार को एक बैठक में एक संकल्प पारित करने के बाद कहा, “(प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली केंद्र सरकार ने देशभर के युवाओं और छात्रों की आवाज का दमन करने, वश में करने या दबाने के लिए क्रूरता अपनाई है।”