नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गुरुवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के दिल्ली प्रमुख परवेज अहमद और सचिव मोहम्मद इलियास को दंगों से इनके संबंध के चलते गिरफ्तार किया है। इससे एक दिन पहले बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को संसद में कहा था कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के लिए फंडिंग करने वाले दो लोगों पहचान हो गई है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को फोन पर बताया, “हमने मोहम्मद इलियास और परवेज अहमद को दिल्ली में हुए दंगों के दौरान कथित तौर पर लोगों को उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया है।” अधिकारी ने कहा, “इन दंगों के लिए की गई फंडिंग में भी इनकी भूमिका सामने आई है।”
Delhi Police Special Cell has arrested Popular Front of India (PFI) President Parvez (pic1) and Secretary Illiyas (pic2), in connection with alleged PFI-Shaheen Bagh link. #Delhi https://t.co/EAau7Wq8wZ pic.twitter.com/ZjkLgRSxmf
— ANI (@ANI) March 12, 2020
अधिकारी ने आगे कहा कि इलियास की भूमिका नागरिक संशोधन कानून के विरोध में शाहीनबाग में चल रहे प्रदर्शन को फंडिंग करने को लेकर भी संदेह के घेरे में थी, यह धरना पिछले साल के 15 दिसंबर से चल रहा है। अहमद पीएफआई का दिल्ली अध्यक्ष है, वहीं इलियास इस संगठन का सचिव है। इलियास शिव विहार में रहता है और 2020 के विधानसभा चुनाव में करावल नगर सीट से एसडीपीआई की टिकट में चुनाव भी लड़ा था।
स्पेशल सेल के अलावा, प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) भी पीएफआई द्वारा देश भर में चल रहे सीएए-विरोधी प्रदर्शनों के कथित तौर पर फंडिंग की जांच कर रहा है। जनवरी में ईडी ने कहा था कि कुछ ऐसे बैंक खातों की पहचान की गई है, जिनका उपयोग देश भर में सीएए-विरोधी प्रदर्शनों को 120 करोड़ रुपए की फंडिंग करने में हुआ है। परवेज और इलियास को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किए जाने की संभावना है।
इससे पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पीएफआई के सदस्य दानिश को गिरफ्तार किया था। उसे सीएए विरोध प्रदर्शनों के दौरान कथित रूप से दुष्प्रचार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने कहा था कि दानिश पीएफआई के काउंटर इंटेलिजेंस विंग का प्रमुख है और शहरभर में सीएए विरोधी प्रदर्शन में सक्रिय रूप से भाग लेता रहा है।
पीएफआई पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) प्रदर्शन के दौरान लोगों को भड़काने और फंडिंग करने का आरोप है। उत्तर प्रदेश में भी सीएए के विरोध के दौरान हिंसा फैलाने में पीएफआई की अहम भूमिका सामने आने के बाद कार्रवाई की जा रही है।