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दिल्ली पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, PFI अध्यक्ष और सचिव को किया गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गुरुवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के दिल्ली प्रमुख परवेज अहमद और सचिव मोहम्मद इलियास को दंगों से इनके संबंध के चलते गिरफ्तार किया है। 

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गुरुवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के दिल्ली प्रमुख परवेज अहमद और सचिव मोहम्मद इलियास को दंगों से इनके संबंध के चलते गिरफ्तार किया है। इससे एक दिन पहले बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को संसद में कहा था कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के लिए फंडिंग करने वाले दो लोगों पहचान हो गई है।

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एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को फोन पर बताया, “हमने मोहम्मद इलियास और परवेज अहमद को दिल्ली में हुए दंगों के दौरान कथित तौर पर लोगों को उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया है।” अधिकारी ने कहा, “इन दंगों के लिए की गई फंडिंग में भी इनकी भूमिका सामने आई है।”

अधिकारी ने आगे कहा कि इलियास की भूमिका नागरिक संशोधन कानून के विरोध में शाहीनबाग में चल रहे प्रदर्शन को फंडिंग करने को लेकर भी संदेह के घेरे में थी, यह धरना पिछले साल के 15 दिसंबर से चल रहा है। अहमद पीएफआई का दिल्ली अध्यक्ष है, वहीं इलियास इस संगठन का सचिव है। इलियास शिव विहार में रहता है और 2020 के विधानसभा चुनाव में करावल नगर सीट से एसडीपीआई की टिकट में चुनाव भी लड़ा था।

स्पेशल सेल के अलावा, प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) भी पीएफआई द्वारा देश भर में चल रहे सीएए-विरोधी प्रदर्शनों के कथित तौर पर फंडिंग की जांच कर रहा है। जनवरी में ईडी ने कहा था कि कुछ ऐसे बैंक खातों की पहचान की गई है, जिनका उपयोग देश भर में सीएए-विरोधी प्रदर्शनों को 120 करोड़ रुपए की फंडिंग करने में हुआ है। परवेज और इलियास को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किए जाने की संभावना है।

PFI

इससे पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पीएफआई के सदस्य दानिश को गिरफ्तार किया था। उसे सीएए विरोध प्रदर्शनों के दौरान कथित रूप से दुष्प्रचार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने कहा था कि दानिश पीएफआई के काउंटर इंटेलिजेंस विंग का प्रमुख है और शहरभर में सीएए विरोधी प्रदर्शन में सक्रिय रूप से भाग लेता रहा है।

 

पीएफआई पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) प्रदर्शन के दौरान लोगों को भड़काने और फंडिंग करने का आरोप है। उत्तर प्रदेश में भी सीएए के विरोध के दौरान हिंसा फैलाने में पीएफआई की अहम भूमिका सामने आने के बाद कार्रवाई की जा रही है।