दिल्ली दंगों को लेकर दाखिल चार्जशीट पर IPS अधिकारी आमने-सामने, 26 IPS अफसरों ने लिखा एक सार्वजनिक पत्र

Delhi Riots: बता दें कि पूर्व पुलिस ऑफिसर जूलियो रिबेरो(Julio Ribeiros) के पत्र के जवाब में 26 आईपीएस अफसरों ने एक सार्वजनिक पत्र लिखा है। इस सार्वजनिक पत्र में आईपीएस(IPS) अफसरों ने लिखा है, “पूर्व पुलिस अधिकारियों ने अपने जीवन में पूरे देश में अलग-अलग क्षमताओं में देश सेवा की है। जूलियो फ्रांसिस के नेतृत्व में कुछ साथी पूर्व पुलिस अधिकारियों का आचरण हैरान करने वाला है

Avatar Written by: September 19, 2020 10:37 am
IPS Cap

नई दिल्ली। दिल्ली में इसी साल फरवरी माह में हुए दंगों को लेकर दिल्ली पुलिस ने तकरीबन 17500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। इसको लेकर अब आईपीएस अधिकारियों में दो खेमें हो गए हैं। बता दें कि पूर्व पुलिस ऑफिसर जूलियो रिबेरो के पत्र के जवाब में 26 आईपीएस अफसरों ने एक सार्वजनिक पत्र लिखा है। इस सार्वजनिक पत्र में आईपीएस अफसरों ने लिखा है, “पूर्व पुलिस अधिकारियों ने अपने जीवन में पूरे देश में अलग-अलग क्षमताओं में देश सेवा की है। जूलियो फ्रांसिस के नेतृत्व में कुछ साथी पूर्व पुलिस अधिकारियों का आचरण हैरान करने वाला है, महाराष्ट कैडर के रिबेरो आईपीएस (सेवानिवृत्त) हैं, जब वह पंजाब में आतंकवाद का सफाया करने के काम में जुटे हुए थे तब उन्होंने प्रसिद्ध वाक्यांश ‘BULLET FOR A BULLET’ को गढ़ा था, अब वे भारत विरोधी अभिव्यक्ति और सांप्रदायिक का समर्थन कैसे कर सकते हैं? उमर खालिद जैसे लोग जिन्होंने नारा दिया “भारत की बर्बादी तक जंग रहेगी” के समर्थन में रिबेरो और उनके सहयोगी कैसे समर्थन कर सकते हैं?”

Delhi riots

पत्र में आगे लिखा गया है, “कानून की प्रक्रिया है और कानून से ऊपर कोई नहीं है, दिल्ली पुलिस के पास किसी भी अपराध की जांच करने का आधिकार है। किसी भी आरोपी की जांच नियत कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है। आरोपी के पास भी कानूनी अधिकार है जिसका वह अग्रिम जमानत या नियमित जमानत, जैसा भी मामला हो इस्तेमाल करने के लिए स्वतंत्र है। मुकदमे में ट्रायल के दौरान आरोपी खुद को निर्दोष साबित भी कर सकता है।”

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पत्र में लिखा है, “पूर्व पुलिस अधिकारियों का एक वर्ग खुद के लिए या अपने पसंद के व्यक्ति के लिए नियम नही गढ़ सकता है, और किसी को भी निर्दोष घोषित नहीं कर सकता है इसके लिए न्यायालयों के पीठासीन अधिकारियों का कार्यालय है या कोर्ट बना है। श्री गुरु जैसे अधिकारी पुलिस बल की छवि खराब करने का प्रयास कर रहे हैं, इन अधिकारियों के पास भारतीय पुलिस सेवा में उनके उत्तराधिकारी की क्षमता और व्यावसायिकता पर संदेह या सवाल करने का कोई अधिकार नहीं है, ऐसा करके रिबेरो जैसे अधिकारी पुलिस बल का मनोबल गिराते हैं।”

पत्र में लिखा है “ऐसी टिप्पणियों से पुलिस अधिकारियों की अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने की दृढ़ निश्चय और शक्ति प्रभावित हो सकती हैं, खास तौर पर ऐसे अपराधी जो देश में सांप्रदायिक विभाजन कर दंगे भड़काने की कोशिश करते हैं। हम, पूर्व पुलिस अधिकारी किसी भी ऐसे बयान या पूर्व पुलिस अधिकारियों के किसी भी ऐसे प्रेरित समूह को अस्वीकार करते हैं, जो पुलिस बल और उसके सेवारत अधिकारियों को बदनाम करने के उद्देश्य से दिए गए हैं।”

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