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Demands Of Protesting Students In Prayagraj Accepted : प्रदर्शनकारी स्टूडेंट्स की मानी गई मांग, आरओ-एआरओ परीक्षा स्थगित, पीसीएस प्री एग्जाम भी अब एक दिन में होगा

Demands Of Protesting Students In Prayagraj Accepted : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छात्रों की मांगों का संज्ञान लेते हुए आरओ-एआरओ परीक्षा-2023 के लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को एक समिति के गठन का निर्देश दिया है। यह समिति सभी पहलुओं पर विचार कर जल्द अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगी, उसके बाद निर्णय लिया जाएगा। परीक्षा के लिए जल्द ही नई तारीख का ऐलान किया जाएगा।

नई दिल्ली। पिछले चार दिनों से प्रयागराज में प्रदर्शन कर रहे हजारों विद्यार्थियों की मांगें मान ली गई हैं। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आरओ और एआरओ की परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है। वहीं, यूपी पीसीएस की 7 और 8 दिसंबर को होने वाली प्रारंभिक परीक्षा भी एक ही शिफ्ट में कराने का फैसला लिया गया है। इसके लिए जल्द ही नई तारीख का ऐलान किया जाएगा। इन्हीं मांगों को लेकर बड़ी संख्या में विद्यार्थी प्रयागराज में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग कार्यालय के बाहर डेरा डाले हुए हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में छात्रों की मांगों का संज्ञान लेते हुए आयोग को एक दिन में पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 के संबंध में छात्रों से संवाद और समन्वय करके आवश्यक निर्णय लेने को कहा है।

इसके साथ ही आरओ-एआरओ परीक्षा-2023 के लिए आयोग द्वारा एक समिति का गठन किया गया है। यह समिति सभी पहलुओं पर विचार कर जल्द अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगी, उसके बाद निर्णय लिया जाएगा। इस बारे में जानकारी देते हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने बताया कि यह छात्र हित में लिया गया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बहुत बड़ा निर्णय है। आरओ-एआरओ परीक्षा-2023 फिलहाल स्थगित कर दी गई है। सरकार ने इसके लिए आयोग द्वारा एक समिति का गठन किया है। जल्द ही इसकी अधिसूचना जारी की जाएगी। वहीं पीसीएस प्री परीक्षा एक दिन में एक शिफ्ट में कैसे हो इसकी पूरी जानकारी विस्तृत चर्चा के बाद में बताई जाएगी।

शर्मा ने कहा कि बीजेपी सरकार हमेशा छात्र हित में काम करती है। हमारी सरकार अपने निर्णयों का लोकतांत्रित परम्पराओं को मानने वाली सरकार है जो अपने निर्णयों का पुनर्मूल्यांकन भी करती है। विपक्ष को बाज आना चाहिए जो अपने राजनीतिक हितों के छात्रों के आंदोलन को हिंसक बनाने का षडयंत्र रच रहे थे। सरकार ने छात्रों से समय मांगा था और अब उस पर छात्र हित में फैसला आ गया।