Gyanvapi Case: ‘करवट लेती मथुरा, काशी!’, ज्ञानवापी केस पर कोर्ट के फैसले पर डिप्टी CM केशव प्रसाद का ट्वीट

Gyanvapi Case: इसके अलावा कोर्ट ने भी कहा कि द वक्फ एक्ट 1995 भी इस केस में सुनवाई में बाधा नहीं और न ही यूपी श्रीकाशी विश्वनाथ टेंपल एक्ट 1983 की वजह से भी सुनवाई में किसी भी तरह की बाधा आ सकती है। वहीं ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में वाराणसी कोर्ट का फैसला आने के बाद ट्विटस का भी सिलसिला शुरू हो गया है।

Avatar Written by: September 12, 2022 5:15 pm
keshav parsad mourya

नई दिल्ली। देश को आज सुबह से ही जिस फैसले को लेकर बेसब्री इतंजार था। वो फैसला आखिरकार आ गया है। वाराणसी के ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामला कोर्ट में सुनने लायक है या नहीं, इस पर अब फैसला आ चुका है। वाराणसी की जिला अदालत ने साफ कहा दिया है कि ये मामला कोर्ट में सुनने लायक है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी। कोर्ट ने आज हिंदू पक्ष के हक में फैसला दिया है और मुस्लिम पक्ष की अर्जी खारिज कर दी। जिसके बाद अब ज्ञानवापी केस को लेकर मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट चुनौती देने की बात कही है। वहीं फैसला आने के बाद से हिंदू पक्ष में जश्न का माहौल है। कोर्ट ने अपने फैसले में सबसे अहम बात कही है वो ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस सुनने लायक है। इसमें प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 कोई बाधा नहीं डालता है। बता दें कि प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 के मुताबिक 1947 में देश में जिस भी धार्मिक स्थल की जो भी स्थिति उसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।

इसके अलावा कोर्ट ने भी कहा कि द वक्फ एक्ट 1995 भी इस केस में सुनवाई में बाधा नहीं और न ही यूपी श्रीकाशी विश्वनाथ टेंपल एक्ट 1983 की वजह से भी सुनवाई में किसी भी तरह की बाधा आ सकती है। वहीं ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में वाराणसी कोर्ट का फैसला आने के बाद ट्विटस का भी सिलसिला शुरू हो गया है। इस मामले में उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का रिएक्शन सामने आया है। उन्होंने इस फैसले को लेकर ट्वीट किया है। हालांकि केशव प्रसाद मौर्य ने अपने ट्वीट में फैसले का जिक्र नहीं किया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, करवट लेती मथुरा, काशी!

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा, शिव ही सत्य है।

इसके अलावा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करते हुए लिखा, जय बाबा विश्वनाथ! हर हर महादेव।

उधर सोशल मीडिया पर भी ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले पर फैसला आने के बाद लोगों में खुशी का माहौल देखने को मिल रहा है। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को भी प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 के दायरे से बाहर माना जाएगा या नहीं। बड़ा सवाल ये भी है कि अयोध्या के बाद काशी और अब मथुरा में मंदिर बनने का रास्ता साफ हो गया है?

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