Farmers Protest: दिग्विजय बोले, कृषि कानूनों को लेकर राष्ट्रपति से कोई उम्मीद नहीं, जनता ने ऐसे लगा दी जमकर क्लास

Farmers Protest: केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसान संगठनों का विरोध प्रदर्शन (Farmers Protest) बुधवार को 14 वें भी जारी है। किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार इन कानूनों में संशोधन करने के पक्ष में है।

Avatar Written by: December 9, 2020 12:10 pm

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसान संगठनों का विरोध प्रदर्शन (Farmers Protest) बुधवार को 14 वें भी जारी है। किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार इन कानूनों में संशोधन करने के पक्ष में है। किसानों के मसले को लेकर सरकार के साथ पहले से तय आज (बुधवार) की वार्ता टल गई है। इस बीच किसानों के मुद्दों को लेकर शरद पवार (Sharad Pawar) के नेतृत्व में विपक्षी दलों का प्रतिनिधिमंडल आज शाम 5 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) से मिलेगा। लेकिन राष्ट्रपति के साथ विपक्षी नेताओं की बैठक से पहले ही कांग्रेस के दिग्ग्ज नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने एक ट्वीट किया है। जिसको लेकर वह खुद सोशल मीडिया पर लोगों के निशाने पर आ गए है।

digvijaya singh

दरअसल बुधवार को दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा, राष्ट्रपति जी से किसान विरोधी क़ानून को वापस लेने के लिए 24 राजनैतिक दलों का डेलीगेशन आज मिलने जा रहा है। मुझे महामहिम जी से कोई उम्मीद नहीं है। इन 24 राजनैतिक दलों को NDA में उन सभी दलों से भी चर्चा करना चाहिए जो किसानों के साथ हैं। नितीश जी को मोदी जी पर दबाव डालना चाहिए।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि, मोदी जी को अपनी हठ छोड़नी चाहिए। किसानों के विषय पर इस प्रकार से हठ करना किसी के लिए उचित नहीं है न ही देश के लिए और न ही उनके लिए उचित है। मैं कहूंगा कि वो तत्काल इस 3 कानूनों को वापस ले और संयुक्त संसदीय समिति बनाए जो किसानों से बातचीत कर इसका हल निकाले।

वहीं एक बार फिर अपने ट्वीट को लेकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह सोशल मीडिया पर लोगों के निशाने पर आ गए है। एक यूजर ने दिग्विजय पर तंज कसते हुए लिखा, अगर उम्मीद नहीं है तो तशरीफ लिए जाने की क्या जरूरत है जनाब।

बता दें कि विपक्ष के तमाम नेता कृषि कानूनों और किसान आंदोलन को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने वाले हैं। एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इन नेताओं में शामिल रहेंगे।