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सोशल मीडिया कंपनियों पर सख्त डोनाल्ड ट्रंप, अब इस आदेश पर किए हस्ताक्षर

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्विटर और फेसबुक जैसी सोशल मीडिया कंपिनयों को तीसरे पक्ष के उपयोगकर्ताओं द्वारा डाली गयी सामग्री पर मिले कानूनी संरक्षण को समाप्त करने के उद्देश्य से एक शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं।

वॉशिंगटन। अमेरिकी सरकार कोरोना संकट काल में लगातार बड़े फैसले लेने में जुटी हुई है। इस बार एक और बड़ा फैसला लेते हुए
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्विटर और फेसबुक जैसी सोशल मीडिया कंपिनयों को तीसरे पक्ष के उपयोगकर्ताओं द्वारा डाली गयी सामग्री पर मिले कानूनी संरक्षण को समाप्त करने के उद्देश्य से एक शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं। एक दिन पहले ही ट्रंप ने ट्विटर पर चुनाव में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था। ट्विटर ने ट्रंप के दो ट्वीट के साथ फैक्ट-चेक लिंक जोड़ दिए थे।

ट्रंप ने गुरुवार को शासकीय आदेश पर दस्तखत करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘आज मैं अमेरिकी लोगों के स्वतंत्रता से बोलने के अधिकारों के संरक्षण के लिए एक शासकीय आदेश पर दस्तखत कर रहा हूं। इस समय ट्विटर जैसी बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों को इस सिद्धांत के आधार पर जवाबदेही से अभूतपूर्व संरक्षण मिल जाता है कि वे तटस्थ मंच हैं और वे एक नजरिये के साथ संपादन का कार्य कर रहे हैं।’

संचार शिष्टता कानून की धारा 230 के तहत शासकीय आदेश में नये नियमों का प्रावधान किया गया है जिससे सेंसा करने या किसी राजनीतिक गतिविधि में शामिल होने वाली सोशल मीडिया कंपनियां उत्तरदायित्व से छूट नहीं पा सकेंगी।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘यह बड़ी बात है। उनके पास एक कवच है, वे जो चाहें कर सकती हैं। अब उनके पास यह कवच नहीं रहेगा।’ उन्होंने कहा कि शासकीय आदेश में संघीय व्यापार आयोग को इन सोशल मीडिया कंपनियों को धोखेबाजी का कोई काम नहीं करने देने या वाणिज्य को प्रभावित करने वाले काम नहीं करने देने का निर्देश भी दिया गया है। ट्रंप ने कहा कि संघीय व्यापार आयोग अधिनियम की धारा 5 में यह अधिकारी प्रदत्त है। राष्ट्रपति ने कहा कि कुछ गिने-चुने प्रभावशाली सोशल मीडिया संस्थान अमेरिका में समस्त सार्वजनिक और निजी संचार तंत्र के बड़े हिस्से पर नियंत्रण रखते हैं।

उन्होंने कहा, ‘हम जानते हैं कि वे कौन हैं, हमें उनका नाम लेने की जरूरत नहीं है।’ उन्होंने कहा कि इन सोशल मीडिया कंपनियों के पास नागरिकों तथा बड़े जनसमूह के बीच किसी तरह के संचार का सेंसर करने, उस पर पाबंदी लगाने, संपादन करने, अपनी तरह से आकार देने, छिपाने और एक तरह से उसे बदल देने के अधिकार थे जिन पर कोई रोकटोक नहीं थी।