नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर पुलिस का बर्खास्त डीएसपी देविंदर सिंह पूछताछ में कई अहम खुलासे कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक उसने इस बात का संकेत दिया है कि पुलिस की वर्दी में आतंकियों के और भी जासूस छिपे हुए हैं। यह जासूस जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के काम को आसान कर रहे हैं। यह सब मोटी रकम के लेनदेन के बदले किया जा रहा है।
हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादियों को अपनी कार में जम्मू ले जाते हुए गिरफ्तार हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस के बर्खास्त डीएसपी देविंदर सिंह ने कबूल किया है कि उसने आतंकवादियों की मदद करके बड़ी गलती की है। उसने कहा कि उसकी अक्ल मारी गयी है। पर सूत्रों के मुताबिक बड़ा खुलासा पुलिस की वर्दी में छिपे आतंकियों के दूसरे जासूसों को लेकर है। सूत्रों के मुताबिक देविंदर ने दावा किया है और भी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी आतंकवादियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। जांचकर्ता इसे लेकर चौकन्ने हैं क्योंकि यह जांच को भटकाने का प्रयास भी हो सकता है।
सूत्रों के मुताबिक देविंदर पिछले साल हिजबुल के आतंकवादी नवीद बाबू को जम्मू ले गया था। नवीद ने सिंह को 8 लाख रुपये दिए थे और वह दो महीने तक जम्मू में रहा था। इसके बाद जब उसे नवीद बाबू और एक अन्य आतंकवादी के साथ अरेस्ट किया गया था, तब उसने दावा किया कि ये दोनों ही आतंकी आत्मसमर्पण करने वाले थे। जांचकर्ताओं ने कहा है कि देविंदर सिंह झूठ बोल रहा है।’
जांच के दौरान यह भी पता चला है कि देविंदर का ड्रग्स माफिया से गहरा संबंध था। देविंदर पुलवामा के त्राल का रहने वाला है। कुख्यात आतंकी बुरहान वानी और जाकिर मूसा इसी इलाके के रहने वाले थे।