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19 नवंबर, 9 बजे: PM मोदी के इस ऐलान से खिसक गई अवसरवादियों की जमीन, ट्रेंड हुआ ‘मास्टरस्ट्रोक’

PM modi withraw three farm bill : पीएम मोदी ने चुनाव से पहले तीनों कृषि कानूनों को वापस लेकर एक समझदार पहलवान की तरह रिंग में अपने तमाम विरोधी खिलाडियों के चारों खाने चित्त कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि इन दलों का अगला दांव क्या होगा। 

नई दिल्ली। क्या आपने कभी आयकर विभाग के कर्मियों को छापा मारते हुए देखा है। अगर आपने देखा है, तो आपने उनमें एक बात जरूर अवलोकन की होगी कि वे औचक शैली से किसी भी संदिग्ध स्थान पर पहुंचकर अपनी कार्रवाई शुरू कर देते हैं, जिससे वहां मौजूद लोग सकते में आ जाते हैं। कुछ ऐसा ही हाल इस वक्त देश के विपक्षी दलों का भी है। चाहे बात कांग्रेस की हो या सपा-बसपा या फिर हो खुद को पल्लवित करने की कोशिश में जुटी आम आदमी पार्टी की। ये सभी के सभी अब सकते में आ चुके हैं। इन्हें अब कुछ समझ नहीं आ रहा है कि क्या किया जाए। जिस तरह आज सुबह 9 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए गुरु पर्व के दिन तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है, उससे बेशक आंदोलनकारी किसान भाई एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर, एक दूसरे को अपनी आगोश में लपेटकर, अपनी खुशी का इजहार कर रहे हों, लेकिन कल तक इन कानूनों को लेकर अपनी सियासी रोटियां सेंकने वाले सियासी दलों के चेहरों का रंग उड़ चुका है। उन्हें अब कुछ समझ नहीं आ रहा है कि क्या जाए।

pm MODI (1)

इन विपक्षी दलों ने पूरी तैयारी कर रखी थी कि आने वाले चुनाव में किसानों आंदोलन के नाम पर जमकर सियासी रोटियां सेंकते हुए केंद्र सरकार की मोर्चाबंदी करनी है। पूरी रूपरेखा तैयार की जा चुकी थी, लेकिन उनका भी नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है। ऐसा ही थोड़ी ना फर्श से लेकर अर्श तक सफर तय किया है। लिहाजा पीएम मोदी ने अपनी सियासी कुशलता का परिचिय देते हुए इन विपक्षी दलों की कार्ययोजना का जो पलीता लगाया है, उससे इन दलों के सियासी सूरमा सदमे आ चुके हैं। इन्हें यह समझ नहीं आ रहा है कि उत्तर प्रदेश में पिछले पांच सालों से विकास की बयार बहाने वाली योगी सरकार के खिलाफ कैसे मोर्चा खोला जाएगा। अब इन्हें यह समझ नहीं आ रहा है कि कैसे कांग्रेस के अंतर्कलह से त्रस्त हो चुके पंजाब में वापसी करनी है। अब इन्हें यह समझ नहीं आ रहा है कि कैसे बाकी के चुनावी राज्यों में अपनी दरकते सियासी दुर्गों को दुरूस्त करना है। अब ऐसे में आप ही बताइए इन दलों की सियासी झटपटाहट के बारे में आप क्या ही कहेंगे।

CONGRESS BJP

पीएम मोदी ने चुनाव से पहले तीनों कृषि कानूनों को वापस लेकर एक समझदार पहलवान की तरह रिंग में अपने तमाम विरोधी खिलाडियों के चारों खाने चित्त कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि इन दलों का अगला दांव क्या होगा।  अब क्या होगा उन सियासी सूरमाओं का अगला कदम, जो अब तक भोले भाले किसानों को बरगला कर देश-विरोधी माहौल बनाने की कोशिश कर रहे थे। बेशक, अब पीएम मोदी की तरफ से तीनों कृषि कानूनों वापस लेने का ऐलान किया जा चुका है, लेकिन उन प्रसंगों को नहीं भुलाया जा सकता है, जो कि पिछले एक साल से किसान आंदोलन के नाम पर किया गया है। नहीं भुलाया जा सकता किसान आंदोलन के नाम पर रेप की घटना को। नहीं भुलाया जा सकता किसान आंदोलन के नाम पर निहंगों द्वारा एक शख्स की नृशंष हत्या को। नहीं भुलाया जा सकता लाल किले की प्राचीर पर धर्म विशेष के पताका फहराने की घटना को। नहीं भुलाया जा सकता किसानों के भेष में कानून-व्यवस्था की धज्जियां उड़ाने वाले लोगों को।

खैर, अब यह मुद्दा बिल्कुल आईने की तरह साफ है कि आने वाले चुनाव में देश- प्रदेश की जनता किसान आंदोलन के नाम पर अपनी सारी हदों को पार करने से गुरेज नहीं करने वाले सियासी सूरमाओं को करारा जवाब मिलेगा। बहरहाल, अगर पीएम मोदी द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के दौरान जिस तरह उन्होंने माफी मांगी है। उसके लिए उनकी जमकर तारीफ हो रही है। सोशल मीडिया पर उनके इस कृत्य की लोग जमकर प्रशंसा कर रहे हैं। उनके तारीफों के पुल बांधे जा रहे हैं। सियासत की समझ रखने वाले लोगों का कहना है कि यह पीएम मोदी का मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है। मास्टरस्ट्रोक अभी जमकर ट्रेंड कर रहा है। सोशल मीडिया पर लोग अलग-अलग तरह से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नजर आ रहे हैं। आइए, आगे आपको दिखाते हैं कि सोशल मीडिया उनके इस मास्टरस्ट्रोक लेकर कौन क्या कह रहा है।

ऐसी रही मोदी सरकार के फैसले पर लोगों की प्रतिक्रिया…!

फिल्म अभिनेता सोनू सूद ने मोदी सरकार द्वारा तीनों कृषि कानूनों वापस लेने पर कहा कि, ‘किसान वापिस अपने खेतों में आयेंगे, देश के खेत फिर से लहराएंगे। धन्यवाद पीएम मोदी नरेंद्र मोदी जी, इस ऐतिहासिक फैसले से किसानों का प्रकाश पूरब और भी ऐतिहासिक हो गया। जय जवान जय किसान।