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Cold Wave: पहाड़ों पर सक्रिय होने जा रहा है पश्चिमी विक्षोभ, जल्दी ही मैदानी इलाकों में पड़ने लगेगी ठंड

Cold Wave: नवंबर का महीना चल रहा है। रात और तड़के हल्की ठंड हो रही है। वहीं, दिन में हल्की गर्मी का अहसास हो रहा है। ऐसे में सभी सोच रहे हैं कि ठंड कब से पड़ने लगेगी। तो इस बारे में ताजा जानकारी ये है कि जल्दी ही दिल्ली और मैदानी इलाकों के राज्यों में तेज ठंड की शुरुआत हो सकती है।

नई दिल्ली। नवंबर का महीना चल रहा है। रात और तड़के हल्की ठंड हो रही है। वहीं, दिन में हल्की गर्मी का अहसास हो रहा है। ऐसे में सभी सोच रहे हैं कि ठंड कब से पड़ने लगेगी। तो इस बारे में ताजा जानकारी ये है कि जल्दी ही दिल्ली और मैदानी इलाकों के राज्यों में तेज ठंड की शुरुआत हो सकती है। जानकारी के मुताबिक मौसम पलटने का समय ज्यादा दूर नहीं है। एक से दो दिन में पहाड़ी राज्यों जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में पश्चिम विक्षोभ का असर दिखने लगेगा। जिसके कारण इन राज्यों के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हो सकती है। वहीं, निचले इलाकों में बारिश होगी।

हर साल ठंड पड़ने की शुरुआत तब होती है, जब पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी होती है। मौसम विभाग ने पहले ही बताया है कि इस साल ज्यादा ठंड पड़ेगी। ठंड के वक्त ही मध्य एशिया से अफगानिस्तान और पाकिस्तान के रास्ते ठंडी समुद्री हवाएं आती हैं। इनको ही पश्चिमी विक्षोभ कहा जाता है। ये ठंडी हवाएं जब पहाड़ों से टकराती हैं, तो बर्फबारी और बारिश होती है। पहाड़ी इलाकों में बर्फ पड़ने के साथ ही मैदानी इलाकों में ठंडी हवाएं चलने लगती हैं। माना जा रहा है कि नवंबर के चौथे हफ्ते में ठंड तेज होने लगेगी और दिसंबर की शुरुआत में इसमें और बढ़ोतरी हो सकती है। मौसम विभाग का कहना है कि वो ठंड का सीजन दिसंबर और जनवरी को ही मानता है।

साल 2023 से लेकर अप्रैल 2024 के दूसरे हफ्ते तक भी काफी ठंड पड़ी थी। पिछले साल ठंड के मौसम में लगातार पश्चिमी विक्षोभ आते रहे थे। इस साल भी इनकी संख्या काफी रह सकती है। ला नीना के प्रभाव के कारण इस साल ठंड काफी पड़ने की बात कही जा रही है। ला नीना के प्रभाव से प्रशांत महासागर में पानी ठंडा रहता है। प्रशांत महासागर के ठंडा या गर्म होने से ही भारत में ज्यादा या कम ठंड होती है। इस साल ला नीना के असर से ही ज्यादा बारिश का दौर भी देखने को मिला है।